वीवीआईपी चॉपर अगस्ता वेस्टलैंड की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. सीबीआई की लंबी कोशिशों के बाद आखिरकार इस डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल का भारत आना तय हो गया है. इसके बाद वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में वांछित क्रिश्चियन मिशेल के भारत प्रत्यर्पण के लिए दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लाया जा रहा है. वह दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना हो चुका है. दिल्ली लाए जाने के बाद उसे सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
कुछ अन्य मामलों में दुबई की जेल में बंद मिशेल के भारत प्रत्यर्पण पर सुनवाई करते हुए पिछले महीने ही दुबई की अदालत ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखते हुए ये माना था कि मिशेल का भारत प्रत्यर्पण किया जा सकता है. कोर्ट ने मिशेल के वकीलों की गुहार खारिज करते हुए ये आदेश दिया था. जिसके बाद अब उसे भारत लाया जा रहा है, जहां उससे चॉपर डील के संबंध में पूछताछ की जाएगी.
Christian James Michel, a British middleman wanted by Indian investigative agencies in connection with the AgustaWestland VVIP chopper scam, has been taken to the Dubai International Airport to extradite him to India, reports Khaleej Times
— ANI (@ANI) December 4, 2018
बता दें कि इससे पहले मिशेल के संबंध में भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अलबाना ने बयान दिया था कि ब्रिटिश नागरिक और 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले के कथित बिचौलिये क्रिश्चयन मिशेल के प्रत्यर्पण का फैसला संयुक्त अरब अमीरात की न्यायिक प्रणाली पर छोड़ देना चाहिए. ब्रिटिश नागरिक को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है, इस सवाल के जवाब में अलबाना ने कहा था, ‘‘मुझे नहीं पता. न्यायिक प्रणाली है, संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच समझौते हैं, हमें अपनी न्यायिक प्रणाली में विश्वास है.’’
ईडी ने मिशेल के खिलाफ जून, 2016 में दाखिल अपने आरोप पत्र में कहा था कि मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड से 225 करोड़ रुपये मिले थे. आरोपपत्र के अनुसार वह राशि और कुछ नहीं बल्कि कंपनी की ओर से दी गयी ‘‘रिश्वत’’ थी. इस संबंध में बिचौलिए मिशेल को फरवरी 2017 में यूएई में गिरफ्तार कर लिया गया था. मिशेल के वकील ने आरोप लगाया था की भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई उनके क्लाइंट पर दबाव बना रही है. हालांकि जांच एजेंसी ने मिशेल के वकील के इन आरोपों को खारिज कर दिया था.