नयी दिल्ली, 23 अप्रैल : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते अपर्याप्त संसाधनों और स्टाफ की कमी के चलते कोरोना वायरस के संक्रमितों के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मियों की जांच और बिना लक्षण वाले संपर्कों के पृथक-वास को बंद करने का फैसला किया है.
एम्स के निदेश रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कोविड-19 समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया. फैसले के तहत केवल लक्षण वाले स्वास्थ्य कर्मियों की जांच की जाएंगी और जिनकी जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि होगी उन्हें ही पृथक-वास में रखा जाएगा और क्लिनिकल स्थिति के हिसाब से प्रबंधन किया जाएगा. यह भी पढ़ें : COVID से जंग में भारत को मिला फ्रांस का साथ, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बोले- हम हर मुमकिन सहायता देने के लिए तैयार
एम्स ने कहा, “कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते संपर्कों का पता लगाने के लिए अपर्याप्त संसाधनों और स्टाफ की कमी की वजह से, संक्रमितों के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मियों की जांच और बिना लक्षण वाले संपर्कों के पृथक-वास को रोका जा रहा है. केवल उन्हीं स्वास्थ्य कर्मियों की जांच की जाएगी जिनमें लक्षण होंगे और जांच में संक्रमित पाए जाने वाले कर्मियों को क्लिनिकल स्थिति के मुताबिक पृथक एवं प्रबंधन किया जाएगा.”