बुलंदशहर खनन मामला: विवादित डीएम अभय प्रताप सिंह की पत्नी माधवी ने सोशल मीडिया पर मांगी मदद, कहा- सीबीआई ने उनके पति को फंसाया
बांदा का दृश्य जहां रेत का अवैध खनन हो रहा है (Photo Credits : IANS)

नई दिल्ली :  बुलंदशहर के विवादित जिला अधिकारी (डीएम) अभय प्रताप सिंह (Abhay Pratap Singh) की पत्नी ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सोशल मीडिया पर मदद मांगते हुए कहा है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) उनके पति को एक खनन घोटाले में फंसा रही है. घोटाले में पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार का एक पूर्वमंत्री संलिप्त है.

माधवी अभय सिंह ने अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट करते हुए कहा है कि सीबीआई ने उनके पति के खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज किया है और कथित रूप से डीएम के आधिकारिक आवास से 47 लाख रुपये बरामद किए हैं. उन्होंने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, "मेरे पति ने कुछ गलत नहीं किया है. जिन रुपयों को हमारे घर से बरामद करने की बात की जा रही है वे अवैध नहीं हैं."

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साल 2007 बैच के आईएएस अधिकारी अभय सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं और 2014 में वे फतेहपुर के डीएम थे जब खनन का ठेका एक स्थानीय बालू माफिया को दिया गया था. माधवी की तस्वीरें और उनकी फेसबुक पोस्ट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

वहीं दूसरी तरफ सीबीआई ने कहा है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी और तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने अनिवार्य ई-टेंडरिंग का पालन किए बिना स्थानीय खनन माफिया को तीन पट्टे दे दिए थे. इस पूरी कार्यवाही को फतेहपुर के तत्कालीन डीएम अभय सिंह की अगुआई में अंजाम दिया गया.

खनन घोटाले की प्राथमिक जांच करने पर सीबीआई ने तत्कालीन मंत्री गायत्री प्रजापति, अभय सिंह समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न आईएएस अधिकारियों पर मामला दर्ज किया है.

माधवी अभय सिंह के करीबी सूत्रों ने कहा कि गायत्री प्रजापति समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार में राज कर रहे थे और उन्होंने पट्टा जारी करने के लिए अभय सिंह पर दवाब बनाया था. सीबीआई सूत्रों ने हालांकि कहा कि एक डीएम के तौर पर अभय सिंह को तय प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए था, ना कि राजनीतिक दवाब के आगे समर्पण कर अवैध पट्टा आवंटिन करना था.