Tamil Nadu: बच्चे को मिला 'नो रिलीजन, नो कास्ट' सर्टिफिकेट, इसके लिए पिता ने खटखटाया कई स्कूलों का दरवाजा
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

चेन्नई, 29 मई: तमिलनाडु में एक दंपति को अपनी साढ़े तीन साल की बेटी विल्मा के लिए 'नो रिलीजन, नो कास्ट' सर्टिफिकेट मिला है. नरेश कार्तिक और उनकी पत्नी गायत्री ने अपनी बेटी के लिए किंडरगार्टन में दाखिला लेने और धर्म और जाति के कॉलम को खाली रखने के लिए कई स्कूलों का दरवाजा खटखटाया. सीड्रेप्स एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक नरेश ने मीडियाकर्मियों से कहा कि, वह और उनकी पत्नी गायत्री अपने बच्चे को किसी धर्म या जाति के तहत सीमित नहीं रखना चाहते हैं. Viral Video: काले जादू के नाम पर महिलाओं पर बरसाए कोड़े, पीड़िता को देख हंसते रहे लोग

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपनी बेटी को दाखिला देने के लिए कई स्कूलों का रुख किया, तो आवेदन पत्र में 'कोई धर्म नहीं, कोई जाति नहीं' कॉलम नहीं था.

नरेश ने कहा, "हमने जिन स्कूलों से संपर्क किया, उन्होंने कहा कि धर्म और जाति का कॉलम जरूरी है और वे इन कॉलमों को भरे बिना आवेदन स्वीकार नहीं कर सकते."

हालांकि, युवा जोड़े को इस बात की जानकारी नहीं थी कि 1973 का एक सरकारी आदेश था जिसमें कहा गया था कि स्कूलों में अपने बच्चों के प्रवेश के दौरान धर्म और जाति अनिवार्य नहीं है.

उन्होंने कहा कि नोटरी से एक सत्यापन प्राप्त करने और कोयंबटूर उत्तरी तहसीलदार को हलफनामा जमा करने के बाद, उन्हें अपनी बेटी के लिए 'धर्म नहीं, जाति नहीं' प्रमाणपत्र मिला. नरेश के अनुसार, प्रमाणपत्र में लिखा है - "बेबी विल्मा किसी जाति या धर्म से संबंधित नहीं है."