Ballia: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ सेवा बदहाल! बलिया के जिला हॉस्पिटल में मोबाइल के टॉर्च में किया गया मरीज का इलाज; VIDEO

उत्तर प्रदेश के बलिया जिला हॉस्पिटल में एक बार फिर व्यवस्था की पोल खुल गई है. यहांपर वार्ड में बिजली नहीं थी, जिसके कारण डॉक्टर को मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीज का इलाज करना पड़ा.

Credit-(X,@priyarajputlive)

बलिया, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बलिया जिला हॉस्पिटल में एक बार फिर व्यवस्था की पोल खुल गई है. यहांपर वार्ड में बिजली नहीं थी, जिसके कारण डॉक्टर को मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीज का इलाज करना पड़ा.इमरजेंसी वार्ड में बिजली नहीं थी, इन्वर्टर भी काम नहीं आया.जानकारी के मुताबिक़ हॉस्पिटल के इमरजेंसी और मेडिकल वार्ड में अंधेरा छाया रहा. डॉ. संतोष चौधरी ने तीन गंभीर मरीजों को टॉर्च की सहायता से देखा.गर्मी और उमस के चलते मरीजों के साथ आए परिजन उन्हें हाथ वाले पंखे से हवा करते नजर आए.बिजली संकट के चलते मरीजों के रिश्तेदार वार्ड से बाहर निकलकर हॉस्पिटल परिसर में बेंच, पेड़ के नीचे और छतों पर बैठ गए.इस पूरे हालात का वीडियो कई लोगों ने सोशल मीडिया पर साझा किया है, जो अब वायरल हो चुका है.

लोगों ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. इस वीडियो को सोशल मीडिया X पर @priyarajputlive नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:VIDEO: यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल! हरदोई मेडिकल कॉलेज में बिजली गुल, गर्मी से परेशान दिखे मरीज

मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में इलाज

केबल में आई खराबी बनी मुसीबत

हॉस्पिटल को बिजली देने वाली अंडरग्राउंड केबल में ओवरलोड की वजह से फॉल्ट आ गया. इसके बाद सप्लाई को विशुनीपुर उपकेंद्र से जोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन बिजली आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी. शनिवार को भी दिन भर बिजली कई बार गुल होती रही.

बिजली कटौती से जांच सेवाएं भी प्रभावित

बिजली न रहने की वजह से एक्स-रे, पैथोलॉजी और सीटी स्कैन जैसी महत्वपूर्ण जांच सेवाएं भी बाधित रहीं. ओपीडी में डॉक्टर तय समय से देर तक नहीं पहुंचे और मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा. गर्मी के कारण अस्पताल का माहौल पूरी तरह अस्त-व्यस्त रहा.

बिजली विभाग पर उठे सवाल

हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि करीब चार साल पहले बिजली विभाग को अतिरिक्त लाइन के लिए पैसा दिया गया था, लेकिन आज तक वह लाइन नहीं डाली गई. इस कारण हर साल गर्मियों में बिजली की ऐसी स्थिति बन जाती है. मई से अब तक प्रशासन दो बार पत्र भेज चुका है लेकिन बिजली विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई.हॉस्पिटल में एसी बंद रहने से डायलिसिस जैसे संवेदनशील इलाज करा रहे मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ी. कर्मचारियों और डॉक्टरों के क्वार्टरों में भी गर्मी से हाल बेहाल रहा.बिजली कटौती के चलते मरीजों की जान पर बनी रही.

सीएमएस का बयान

बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.सुजीत यादव ने बताया की बिजली की आपूर्ति में फॉल्ट आने से समस्या हुई है. केबल की मरम्मत के बाद स्थिति सुधरेगी. फिलहाल हॉस्पिटल को वैकल्पिक सप्लाई लाइन से जोड़ा गया है.

 

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