नई दिल्ली, 27 जनवरी : देश की राजधानी दिल्ली में 115 फीट के 75 तिरंगे लगाए गए हैं. दिल्ली में ऐसे कुल 500 तिंरगे लगाए जाएंगे. दिल्ली में तिरंगे झंडे लगाने की यह परियोजना दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई है. गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 115 फीट ऊंचे तिरंगे झंडे को लहरा कर इसकी शुरूआत की. दिल्ली सरकार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाते हुए 27 जनवरी दिल्ली में 75 अलग अलग स्थानों पर 115 फुट का तिरंगा फहराया. गौरतलब है कि देश की आजादी के 75 वर्ष का उत्सव मनाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक विशेष देशभक्ति बजट तैयार किया है. इसी देश भक्ति बजट से हाई-मास्ट राष्ट्रीय ध्वज लगाए जा रहे हैं.
दिल्ली भर में विभिन्न स्थानों पर विशाल तिरंगे लगाने का यह कार्य दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग कर रहा है. लोक निर्माण विभाग दिल्ली में 500 स्थानों पर ऐसे विशाल तिरंगे लगा रहा है. इनमें से 75 तिरंगे झंडे 27 जनवरी को दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर फैलाए गए हैं. यह कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा और इसी वर्ष 31 मार्च तक 425 और तिरंगे झंडे दिल्ली के भिन्न-भिन्न स्थानों पर फहराए जाएंगे. दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में जिन 500 स्थानों पर विशाल तिरंगे झंडे लगाने की योजना बनाई गई है, उनमें दिल्ली के कई स्कूल सरकारी भवन आवासीय परिसर मैदान पार्क मार्केट और अन्य कॉन्प्लेक्स शामिल हैं. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अपहृत लड़की बरामद, आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली सरकार का कहना है कि झंडे लगाने के स्थानों का चुनाव बेहद सटीक तरीके से किया गया है. इसके पीछे सोच यह है कि प्रत्येक दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर इस प्रकार के तिरंगे झंडे शहर में दिखाई दें. गुरुवार को विशाल तिरंगा ध्वज फहराने की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 75वें साल में आज से दिल्ली की 75 अलग-अलग जगहों पर 115 फीट की ऊंचाई से हमारा अमर तिरंगा शान से लहराएगा. यह देश के लिए गर्व का दिन है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुनिया में शायद दिल्ली अकेला शहर है, जहां इतनी जगह पर 115 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए हैं. दिल्ली सरकार के मुताबिक देशभक्ति के इस कार्य के लिए दिल्ली का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा. दिल्ली सरकार ने अपने वार्षिक बजट में इसकी घोषणा की थी. दिल्ली में 500 स्थानों पर उच्च तिरंगा स्थापित करने के लिए 45 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. पिछले साल सितंबर में सरकार ने बजट में वृद्धि की और परियोजना के लिए 104.37 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी गई.