ITR Filing: जब भी हम टैक्स देने की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में आमतौर पर सैलरी, बिज़नेस इनकम या ब्याज जैसी आम कमाई आती है. लेकिन इनकम टैक्स के नियमों में कुछ ऐसे सोर्स भी हैं, जिनसे हुई कमाई पर टैक्स देना जरूरी होता है, भले ही वह कमाई परंपरागत तरीके से न हुई हो. ऐसे मामलों में अगर जानकारी नहीं हो, तो आईटीआर फाइल (ITR File) करते समय गलती हो सकती है.
यहां हम आपको 6 ऐसे हैरान करने वाले टैक्सेबल इनकम (Taxable Income) के सोर्स बता रहे हैं, जिन्हें जानना 2025 की आईटीआर फाइलिंग से पहले बेहद जरूरी है.
लॉटरी और गेम शोज से जीती रकम (Winnings From Lotteries And Game Shows)
अगर आपने किसी लॉटरी, जुए (Gambling), ऑनलाइन क्विज (Online Quiz), या यहां तक कि कौन बनेगा करोड़पति (KBC) जैसे शो से पैसे जीते हैं, तो वह आय सीधे 30% टैक्स के दायरे में आती है. यह टैक्स सेक्शन 115BB के तहत लगता है, और इसमें कोई छूट या डिडक्शन (Deduction) नहीं मिलता है.
गिफ्ट (Gifts)
अगर आपको अपने रिश्तेदारों के अलावा किसी और से 50,000 रुपये या उससे ज्यादा मूल्य का गिफ्ट (नकद, गहने, जमीन-जायदाद आदि) मिलता है, तो यह इनकम भी ‘अन्य स्रोतों से आय’ (Income from Other Sources) मानी जाएगी और उस पर आपको टैक्स देना होगा. केवल करीबी रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट ही टैक्स फ्री होते हैं.
फ्रीबीज़ और ऑफिस से मिलने वाले पर्क्स (Freebies And Perks From office)
अगर आपकी कंपनी आपको सैलरी के अलावा कोई फायदे देती है, जैसे किराया-मुक्त घर, क्लब की मेंबरशिप, फ्री खाना आदि — तो यह भी आपकी कुल आय का हिस्सा माना जाएगा और उस पर टैक्स देना होगा.
क्राउडफंडिंग या ऑनलाइन डोनेशन (Crowdfunding Or Online Donations)
अगर आपने किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे मिलाप (Milaap), केट्टो (Ketto) या फिर यूपीआई (UPI) के ज़रिए लोगों से डोनेशन या मदद के लिए पैसा इकट्ठा किया है, तो ध्यान रखें कि यह रकम भी टैक्स के दायरे में आ सकती है. बहुत से लोग सोचते हैं, कि डोनेशन टैक्स फ्री होता है, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता है. इस पर टैक्स लगेगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है, कि आपने पैसा किस मकसद से जुटाया है. अगर यह पैसा किसी सामाजिक काम (Charity), इलाज (Health), अपने बिजनेस को शुरू करने या किसी पर्सनल खर्च के लिए लिया गया है, तो टैक्स की स्थिति अलग-अलग हो सकती है.
आम तौर पर, अगर पैसा आपके निजी फायदे के लिए लिया गया है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसे आपकी आमदनी मान सकता है, और उस पर टैक्स लगा सकता है.
बार्टर डील (Barter Deal)
अगर आपने किसी को सेवा दी और बदले में पैसे की जगह कोई सामान या दूसरी सेवा ली, तो वह भी आपकी कमाई ही मानी जाएगी. जैसे मान लीजिए कि आप फोटोग्राफर हैं, और किसी क्लाइंट ने आपकी सर्विस के बदले आपको एक मोबाइल फोन दे दिया, तो उस मोबाइल की जो बाजार कीमत है, उसे ही आपकी इनकम माना जाएगा. इसी तरह, जिसने आपको मोबाइल दिया है, अगर उसने बदले में आपकी सेवा ली है, तो उसे भी उस सेवा की वैल्यू अपनी इनकम में जोड़नी होगी. इसे बार्टर डील कहते हैं, और दोनों पक्षों को इस पर टैक्स देना होता है.
टैक्स रिफंड पर मिला ब्याज (Interest Received On Tax Refund)
अगर आपके पुराने इनकम टैक्स रिफंड में देरी हुई और उस पर सरकार ने ब्याज दिया, तो वह ब्याज आपकी टैक्सेबल इनकम का हिस्सा बनता है, और उस पर भी टैक्स देना होगा.
इनकम टैक्स सिर्फ सैलरी या बिज़नेस से हुई कमाई पर ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य सोर्स से हुई कमाई पर भी लगता है. इसलिए आईटीआर भरते समय हर तरह की कमाई का ध्यान रखें, ताकि बाद में कोई टैक्स नोटिस या जुर्माना न लगे.












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