विजयानगर (कर्नाटक), 4 अक्टूबर : राज्य के हुविनाहदगली तालुक के मकरब्बी गांव में दूषित पानी पीने से छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं इस घटना के बाद कर्नाटक के नवगठित विजयनगर जिले का प्रशासन हाई अलर्ट पर है. आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने गांव में दो एम्बुलेंस तैनात की हैं ताकि किसी को भी दस्त और उल्टी के लक्षण विकसित होने पर रोगियों को जल्दी से अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा सके.
मृतकों की पहचान मकराब्बी गांव के लक्ष्माम्मा, बसम्मा हवानुरू, नीलाप्पा बेलावगी, गोनेप्पा, महादेवप्पा और केंचम्मा के रूप में हुई है. दूषित पानी पीने से बीमार हुए 200 से अधिक लोगों का इलाज बल्लारी, होस्पेट, हुबली, हावेरी और अन्य अस्पतालों में किया जा रहा है. 23 सितंबर को दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य व्यक्ति, 50 वर्षीय महिला ने 1 अक्टूबर को दम तोड़ दिया था. सूत्रों ने कहा कि मकराब्बी गांव जहां त्रासदी हुई, वहां की आबादी 2,000 से अधिक है. बोरवेल में नई पाइप लाइन डालने के दौरान पुराने पाइप क्षतिग्रस्त हो गए और सीवेज का पानी पीने के पानी में मिल गया. यह भी पढ़ें : चिराग पासवान को नया चुनाव चिन्ह आवंटित होने पर पशुपति पारस ने EC के फैसले का किया स्वागत, बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर कही ये बात
50 से अधिक लोग जिनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो गई है, उन्हें हुबली, दावणगेरे, हावेरी, बल्लारी और अन्य स्थानों के विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि कई अभी भी नाजुक स्थिति में हैं. तालुक स्वास्थ्य निरीक्षक डॉ विनोद ने कहा कि 26 अगस्त को सबसे पहले उल्टी और दस्त के 9 मामले सामने आए और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि वह उपचार के बाद ठीक हो गए. अधिकारियों की एक टीम ने गांव का दौरा किया और पानी के तीन नमूने लिए. इनमें से, 2 नमूनों की रिपोर्ट से पता चला कि पानी पीने के उपयोग के लिए अनुपयुक्त है. 23 सितंबर को फिर उल्टी और दस्त के मामले सामने आए. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने गांव में एक अस्थायी अस्पताल खोला और आपात स्थिति में मरीजों को शिफ्ट करने के लिए दो एंबुलेंस तैनात की गईं. गांव में तीन बोरवेल और एक कुएं को बंद करने की कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि टैंकरों से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है और गांव में आरओ प्लांट भी लगाया गया है.