Gujarat Hooch Tragedy: ड्राई स्टेट गुजरात में जहरीली शराब का कहर, अब तक 18 की मौत कई अस्पताल में भर्ती
प्रतीकात्मक तस्वीर (File Photo)

बोटाद (गुजरात): गुजरात के बोटाद जिले (Botad district) के रोजिद गांव में जहरीली शराब पीने से अब तक कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है. 40 से ज्यादा लोगों को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए केमिकल बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार रात बताया कि कुछ मरीजों की हालत गंभीर है. पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) और अहमदाबाद अपराध शाखा भी जांच में शामिल हो गयी हैं.

गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया ने उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है और कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.

वाघेला ने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस हत्या का आरोप भी जोड़ेगी. गुजरात एटीएस के साथ ही अहमदाबाद अपराध शाखा भी दोषियों को पकड़ने के लिए हमारी जांच में शामिल हो गयी हैं.’’

भाटिया ने बताया था कि पुलिस ने बोटाद जिले से तीन शराब तस्करों को हिरासत में लिया है, जो कथित तौर पर अवैध देशी शराब बेचने में शामिल थे.

इससे पहले, इलाज करा रहे एक पीड़ित की पत्नी ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार रात रोजिद गांव में शराब पीने के कुछ घंटे बाद ही उसके पति की हालत बिगड़ने लगी. वहीं, एक अन्य पीड़ित हिम्मतभाई, जो अब स्वस्थ हो रहा है, ने दावा किया कि रविवार की रात एक तस्कर से खरीदी गई शराब का सेवन करने के बाद कम से कम 15 लोग बीमार पड़ गए.

पुलिस महानिरीक्षक (भावनगर रेंज), अशोक कुमार यादव ने शाम को बोटाद सिविल अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने बताया कि घटना की जांच करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक पद के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा.

इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात में जहरीली शराब त्रासदी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य में जो लोग शराब बेच रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है.

राज्य में शराब की बिक्री पर पाबंदी है. केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात में मद्यनिषेध के बाद भी भारी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती है. ये कौन लोग हैं जो शराब बेचते हैं? उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. (शराब की बिक्री से जो) पैसे आते हैं, वे कहां जाते हैं. इसकी जांच की जरूरत है.’’

(इनपुट भाषा)