एक तरह जहां बिहार में कोरोना वायरस से कोहराम मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच खबर आ रही है कि बिहार में 19 जुलाई को आकाशीय बिजली गिरने के कारण 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले बिहार के विभिन्न जिलों में रविवार को आकाशीय बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में 10 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. लेकिन बाद में यह आंकड़ा बढ़कर 16 हो गया. वहीं इस घटना पर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में वज्रपात से हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को तत्काल चार-चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि बिहार में रविवार को वज्रपात की चपेट में आकर पूर्णिया जिले में तीन, बेगूसराय में दो तथा पटना, सहरसा, पूर्वी चम्पारण, मधेपुरा एवं दरभंगा में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं. इससे पहले 3 से चार जुलाई के बीच बिहार के पांच जिलों में जोरदार बारिश के बीच आसमान से बिजली गिरने से 20 लोगों की मौत हो गई थी.
ANI का ट्वीट:-
16 people died in the state due to lightning strikes on 19th July: Bihar State Disaster Management Department https://t.co/fMztq8rzVK
— ANI (@ANI) July 20, 2020
गौरतबल हो कि पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि आकाशीय बिजली गिरने के बेहतर पूर्वानुमान के लिये भूस्थिर उपग्रह पर डिटेक्टर लगाने के प्रयास जारी हैं और इसरो ने इसे सांकेतिक मंजूरी दे दी है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए ऐसे शहरों में आकाशीय बिजली गिरने का पता लाने वाले यंत्र का एक विशाल नेटवर्क स्थापित करने की आवश्यकता प्रकट की. जहां बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं. उन्होंने कहा, हम बिजली गिरने के बेहतर पूर्वानुमान के लिये भूस्थिर उपग्रह पर एक डिटेक्टर लगाना चाहते हैं. ( भाषा इनपुट)