श्रीनगर: उत्तर कश्मीर के सोपोर की रहने वाली आलिया तारिक (10) नए कानून के तहत 22 जून को डोमिसाइल सर्टिफिकेट (स्थायी निवास प्रमाण-पत्र) प्राप्त करने वाली राज्य की पहली नागरिक बन गई है. नया कानून अनुच्छेद 370 समाप्त करने और जम्मू एवं कश्मीर राज को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद लागू किया गया है. आलिया तारिक के पिता, तारिक अहमद लांगू ने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने आलिया सहित परिवार के सभी सदस्यों के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट का आवेदन किया था, क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि यह आधार कार्ड की तरह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है.
लांगू ने कहा, "हर किसी को डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना है.राजस्व विभाग में मेरे मित्रों ने सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने में मेरी मदद की. मेरे बच्चों से उनके स्कूलों ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट लाने को कहा. आलिया को राज्य का पहला डोमिसाइल सर्टिफिकेट मिलने के तीन दिनों बाद नवीन के. चौधरी को एक डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया गया. जम्मू-कश्मीर काडर के 1994 बैच के आईएएस अधिकारी चौधरी मूल रूप से बिहार के हैं. यह भी पढ़े: जम्मू-कश्मीर: सोपोर में आतंकी हमले के दौरान बाल-बाल बचा 3 साल का मासूम, मसीहा बनकर पुलिस ने गोलियों की चपेट में आने से बच्चे को बचाया
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, सरकार को जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए 33,157 आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें से 25,000 से अधिक स्वीकार कर लिए गए हैं। सरकार को जम्मू संभाग के 10 जिलों से लगभग 32,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि कश्मीर संभाग से मात्र 720 आवेदन आए हैं.
पहले सिर्फ स्थायी नागरिक ही जम्मू एवं कश्मीर में जमीन खरीदने, नौकरी के लिए आवेदन करने और चुनाव लड़ने के पात्र थे। लेकिन अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद देश का कोई भी नागरिक जो जम्मू एवं कश्मीर में 15 वर्षो तक रह चुका है या केंद्र सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम में एक कर्मचारी के रूप में 10 सालों तक अपनी सेवा दे चुका है, वह जम्मू एवं कश्मीर के डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने का पात्र है.