इंफाल: सुरक्षा बलों ने शनिवार को मणिपुर के कांगपोकपल जिले में 10 आतंकवादी बंकरों का भंडाफोड़ किया और 1,100 हथियार और 13,702 गोला-बारूद बरामद किए, जो 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद हमलावरों द्वारा लूटे गए थे. रिपोर्टों में कहा गया है कि जारी हिंसा के दौरान हमलावरों ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा चौकियों से हजारों अत्याधुनिक हथियार और लाखों गोला-बारूद लूट लिए.
इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि मणिपुर सरकार ने 21 जून के आईईडी विस्फोट मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है. बिष्णुपुर जिले में एक पुल पर खड़ी महिंद्रा स्कॉर्पियो गाड़ी में हुए विस्फोट में तीन लोग घायल हो गए. गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा बयान, कहा- प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर मणिपुर में शांति बहाल करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं
एक अधिकारी ने कहा, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वाहन चुराचंदपुर की ओर से आया था. राज्य और सीमा पार सक्रिय विद्रोहियों की संलिप्तता को देखते हुए यह एक संवेदनशील मामला है. इसलिए इसे एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया है.
मणिपुर की म्यांमार के साथ लगभग 400 किमी लंबी बिना बाड़ वाली सीमा है. शनिवार को मणिपुर पुलिस ने जानकारी दी कि राज्य में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है और कुछ जिलों से छिटपुट घटनाएं सामने आ रही हैं.
साथ ही जिला सुरक्षा समन्वय समिति की बैठकें भी नियमित रूप से हो रही हैं. सुरक्षा बलों द्वारा पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों के सीमांत क्षेत्रों पर विशेष जोर देने के साथ संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त, फ्लैग मार्च और घेराबंदी और तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है.
इंफाल-जिरीबाम राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-37) पर आवश्यक वस्तुओं, खाद्यान्न और जीवन रक्षक दवाओं से लदे ट्रकों की आवाजाही सख्त सुरक्षा उपायों के साथ सुनिश्चित की गई है.
पांच घाटी जिलों, फेरजॉल और जिरीबाम जिलों में कर्फ्यू में 12 से 15 घंटे की ढील दी गई, जबकि टेंग्नौपाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में आठ से 10 घंटे की ढील दी गई. शेष छह पहाड़ी जिलों में, जिनमें अधिकतर नागाओं का प्रभुत्व है, कोई कर्फ्यू नहीं है. मणिपुर सरकार ने भी लोगों से राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में हर संभव मदद करने की अपील की है.