
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक सरकार को अभिनेता-राजनेता कमल हासन की नई फिल्म 'ठग लाइफ' की स्क्रीनिंग के खिलाफ मिल रही धमकियों पर जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने साफ़ शब्दों में कहा, "जो लोग ऐसी धमकियां देते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करना आपकी (सरकार की) ड्यूटी है." कोर्ट ने सरकार से इस मामले में एक 'एक्शन प्लान' भी मांगा है.
कोर्ट की इस सख्ती के बाद कर्नाटक सरकार ने भरोसा दिलाया है कि जो भी कानून तोड़ेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नोटिस भी जारी किया है, जिन्होंने फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की धमकी दी थी.
इस पर कमल हासन ने कहा कि वह सरकार के जवाब से संतुष्ट हैं और अब इस केस को बंद करना चाहते हैं.
क्या है पूरा विवाद?
यह पूरा विवाद कमल हासन के एक बयान से शुरू हुआ था. चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि "कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है".
इस बयान के बाद कर्नाटक में, खासकर कन्नड़ समर्थक समूहों में गुस्सा भड़क गया. इन समूहों ने कमल हाasan से माफी की मांग की, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि उनकी बात को गलत समझा गया है और वह कन्नड़ भाषा का सम्मान करते हैं.
हाई कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
मामला तब और बढ़ गया जब कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) समेत कई कन्नड़ फिल्म संस्थाओं ने धमकी दी कि जब तक कमल हासन माफी नहीं मांगते, 'ठग लाइफ' को कर्नाटक में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.
इसके बाद कमल हासन कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली. उल्टे, हाई कोर्ट ने उन्हें ही फटकार लगाते हुए माफी मांगने की नसीहत दे डाली. कोर्ट ने कहा, "आप कोई साधारण आदमी नहीं हैं. बोले गए शब्द वापस नहीं लिए जा सकते, लेकिन माफी मांगी जा सकती है."
सुप्रीम कोर्ट ने दिखाया आईना
हाई कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद कमल हासन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "कानून का राज यह कहता है कि एक व्यक्ति को अपनी फिल्म रिलीज करने का अधिकार है, खासकर तब जब फिल्म को सेंसर बोर्ड (CBFC) से सर्टिफिकेट मिल चुका हो." कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि वह "भीड़ और निगरानी करने वाले समूहों को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दे सकती."
अब सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उम्मीद है कि फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो जाएगा. हालांकि, मामले के कुछ याचिकाकर्ता चाहते हैं कि यह केस चलता रहे ताकि भविष्य में किसी और फिल्म के साथ ऐसा न हो.