
Shefali Jariwala Dies at 42 from Cardiac Arrest: 27 जून 2025 की देर रात मनोरंजन जगत और लाखों प्रशंसकों के लिए एक स्तब्ध कर देने वाली ख़बर लेकर आई. अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला, जिन्हें पूरा देश 'कांटा लगा गर्ल' के नाम से जानता था, मात्र 42 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गईं. शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मृत्यु का कारण अचानक आया कार्डियक अरेस्ट था. उनके पति, अभिनेता पराग त्यागी, उन्हें और तीन अन्य लोगों के साथ तुरंत मुंबई के बेलेव्यू मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया. बाद में, उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर अस्पताल भेज दिया गया.
यह ख़बर जंगल की आग की तरह फैली और हर कोई सदमे में था. एक युवा और प्रतिभाशाली सितारे का इस तरह अचानक चले जाना किसी के लिए भी यकीन करना मुश्किल था. मामले की गंभीरता को देखते हुए, मुंबई पुलिस और एक फॉरेंसिक टीम जांच के लिए शेफाली के अंधेरी स्थित आवास पर पहुंची. किसी भी हाई-प्रोफाइल और आकस्मिक मृत्यु के मामले में यह एक मानक प्रक्रिया है, लेकिन इसने शुरुआती घंटों में मामले को "संदेहास्पद" होने की अटकलों को हवा दे दी. हालांकि, यह प्रारंभिक प्रक्रियात्मक जांच थी, जबकि अधिकांश रिपोर्टें लगातार कार्डियक अरेस्ट को ही मृत्यु का कारण बता रही थीं. यह घटनाक्रम किसी सेलिब्रिटी की आकस्मिक मृत्यु के बाद की सूचना के प्रवाह और उससे जुड़ी जटिलताओं को दर्शाता है, जहां प्रक्रियात्मक जांच को अक्सर सनसनीखेज बना दिया जाता है.

इस ख़बर से पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई. सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि का तांता लग गया, जो शेफाली के दोस्तों और सहकर्मियों के दिलों में उनके स्थान को दर्शाता था. गायक मीका सिंह ने भारी मन से लिखा, "मैं बहुत सदमे में हूं, दुखी हूं और मेरा दिल भारी है... हमारी प्यारी स्टार और मेरी सबसे प्यारी दोस्त शेफाली जरीवाला हमें छोड़कर चली गई हैं. आपको हमेशा आपकी शालीनता, मुस्कुराहट और जोश के लिए याद किया जाएगा". अभिनेत्री दिव्यांका त्रिपाठी ने अविश्वास जताते हुए कहा, "अभी भी शेफाली के बारे में खबर पर यकीन नहीं कर पा रही हूं... बहुत जल्दी चली गईं" 1. उनके 'बिग बॉस 13' के सह-प्रतियोगी तहसीन पूनावाला ने इस दुखद घटना को सिद्धार्थ शुक्ला की मृत्यु से जोड़ते हुए लिखा, "यह अविश्वसनीय है कि मेरे सीज़न से #SidharthShukla और अब वह, दोनों नहीं रहे" 1.
यह लेख केवल एक दुखद अंत का लेखा-जोखा नहीं है, बल्कि उस महिला को समझने की एक कोशिश है जो सुर्खियों के पीछे रहती थी. यह कहानी है शेफाली जरीवाला की—एक ऐसी लड़की जिसने शोहरत की बुलंदियों को छुआ, निजी जीवन में गहरे संघर्षों का सामना किया और एक ऐसी विरासत छोड़ी जो 'कांटा लगा' के संगीत से कहीं आगे तक जाती है.
अध्याय 1: अहमदाबाद से इंजीनियरिंग तक का सफ़र
शेफाली जरीवाला की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं थी, जिसमें ग्लैमर की दुनिया में उनका प्रवेश पूरी तरह से एक संयोग था. उनका जन्म 15 दिसंबर 1982 को गुजरात के अहमदाबाद में सतीश और सुनीता जरीवाला के घर हुआ था. वह एक प्रतिभाशाली और पढ़ाई में होशियार छात्रा थीं, जिनका मनोरंजन जगत से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था. उनकी शुरुआती शिक्षा कलिमपोंग के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट से हुई और बाद में उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित सरदार पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) में मास्टर डिग्री हासिल की. यह अकादमिक पृष्ठभूमि उनके भविष्य के "ग्लैमर गर्ल" वाले अवतार के बिल्कुल विपरीत थी, जो "सौंदर्य के साथ दिमाग" (beauty with brains) की उनकी छवि को पुख्ता करती है.
उनका ग्लैमर की दुनिया में आना कोई सोची-समझी योजना का हिस्सा नहीं था. यह सब अचानक हुआ जब वह अपने कॉलेज के बाहर खड़ी थीं और एक संगीत निर्देशक की नज़र उन पर पड़ी. उन्होंने शेफाली को एक म्यूजिक वीडियो का ऑफर दिया. शुरू में, शेफाली ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उस समय उनके जीवन की प्राथमिकताएं बिल्कुल अलग थीं. वह अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करना चाहती थीं, विदेश जाकर एमबीए करना चाहती थीं और एक "एनआरआई लड़के" से शादी करके बस जाना चाहती थीं. उनका मनोरंजन की दुनिया में करियर बनाने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने यह म्यूजिक वीडियो करने के लिए सिर्फ इसलिए हामी भरी क्योंकि उन्हें पॉकेट मनी के तौर पर कुछ पैसे मिल रहे थे.
यह आकस्मिक घटना उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई. एक लड़की जो अकादमिक दुनिया में अपना भविष्य देख रही थी, वह अनजाने में एक ऐसी इंडस्ट्री की दहलीज पर खड़ी थी जो उसे रातों-रात स्टार बनाने वाली थी. यह समझना महत्वपूर्ण है कि उन्होंने इस दुनिया में कदम किसी महत्वाकांक्षा के साथ नहीं, बल्कि एक संयोग के रूप में रखा था. इस तथ्य ने उनके पूरे करियर की यात्रा को एक अनूठा आकार दिया. कई लोगों के विपरीत, जो वर्षों तक एक ब्रेक के लिए संघर्ष करते हैं, शोहरत ने उन्हें खुद ढूंढ लिया था. शायद इसी वजह से, बाद में इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाए रखने और निजी संघर्षों से निपटने में उन्हें उन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनके लिए वह तैयार नहीं थीं.
अध्याय 2: 'कांटा लगा' - एक गाने ने जिसने सब कुछ बदल दिया
साल 2002 में, जब शेफाली सिर्फ 19 या 20 साल की थीं, एक रीमिक्स गाने ने भारतीय पॉप संगीत की दुनिया में तहलका मचा दिया. यह गाना था 'कांटा लगा'—1972 की फिल्म 'समाधि' के क्लासिक गीत का एक आधुनिक और बोल्ड रीमिक्स. हैरी आनंद द्वारा निर्मित और शाश्वती द्वारा गाए गए इस गाने के वीडियो में शेफाली जरीवाला ने अभिनय किया और रातों-रात एक सनसनी बन गईं.
यह वीडियो सिर्फ एक गाना नहीं था; यह एक सांस्कृतिक घटना थी. राधिका राव और विनय सप्रू द्वारा निर्देशित इस वीडियो ने भारतीय संगीत वीडियो के परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल दिया. इसके बोल्ड और विद्रोही दृश्यों ने इसे 2000 के दशक की शुरुआत का एक प्रतिष्ठित प्रतीक बना दिया. वीडियो ने एक ऐसी लड़की की कहानी दिखाई जो सामाजिक बंधनों को तोड़कर अपनी शर्तों पर जीती है. उस समय के लिए यह एक क्रांतिकारी विचार था.
हालांकि, इस क्रांति के साथ एक बड़ा विवाद भी खड़ा हुआ. वीडियो के रिलीज़ होते ही पूरे देश में हंगामा मच गया. इसके बोल्ड दृश्यों, शेफाली के डांस मूव्स और उनके 'थोंग' दिखाने वाले पहनावे को उस समय के मानकों के हिसाब से "अश्लील" और "भद्दा" करार दिया गया. विवाद इतना बढ़ा कि वीडियो के निर्देशकों को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (Censor Board) ने तलब कर लिया और उन पर "राष्ट्र के नैतिक ताने-बाने को बिगाड़ने" का आरोप लगाया. यहां तक कि सुपरस्टार सलमान खान ने भी कथित तौर पर निर्देशकों को ऐसे "सेक्सी गाने" बनाने के खिलाफ चेतावनी दी थी.
यह विवाद वास्तव में उदारीकरण के बाद के भारत में हो रहे एक बड़े सांस्कृतिक मंथन का प्रतीक था. एक तरफ पारंपरिक मूल्य थे, और दूसरी तरफ एक नई, वैश्वीकृत युवा संस्कृति, जो अपनी पहचान बना रही थी. शेफाली अनजाने में इस सांस्कृतिक टकराव का चेहरा बन गईं. वह सिर्फ एक "बोल्ड मॉडल" नहीं थीं, बल्कि एक पीढ़ीगत बदलाव की प्रतीक थीं.
तमाम विवादों के बावजूद, इस गाने ने शेफाली को एक ऐसी पहचान दी जो हमेशा के लिए उनके साथ जुड़ गई—'कांटा लगा गर्ल'. सालों बाद, अपने एक इंटरव्यू में, उन्होंने इस पहचान पर गर्व जताते हुए कहा था, "मैं मरते दम तक 'कांटा लगा गर्ल' के रूप में जानी जाना चाहती हूं". यह बयान उनके उस सफर को दर्शाता है जिसमें वह विवाद का विषय बनने से लेकर अपनी कहानी की मालिक बनने तक पहुंचीं.
अध्याय 3: शोहरत के बाद का संघर्ष और निजी तूफ़ान
'कांटा लगा' की अपार सफलता ने शेफाली को स्टार बना दिया, लेकिन शोहरत के बाद का सफर उतना आसान नहीं था. उन्होंने 'कभी आर कभी पार' जैसे कुछ और सफल म्यूजिक वीडियो में काम किया. 2004 में, वह सलमान खान और अक्षय कुमार जैसे बड़े सितारों के साथ ब्लॉकबस्टर फिल्म 'मुझसे शादी करोगी' में एक छोटे से कैमियो रोल में भी दिखाई दीं. हालांकि, उनकी सार्वजनिक छवि के पीछे, उनका निजी जीवन एक बड़े तूफान से गुज़र रहा था.
2004 में, शेफाली ने संगीतकार हरमीत सिंह (मीत ब्रदर्स फेम) से शादी की 22. यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं टिक सका और 2009 में दोनों का तलाक हो गया, जो काफी विवादों में रहा. शेफाली ने हरमीत के खिलाफ कुछ गंभीर आरोप भी लगाए थे. सालों बाद, अपने इंटरव्यू में, शेफाली ने इस मुश्किल दौर के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि उनकी शादी खुशहाल नहीं थी और इसमें "मानसिक हिंसा" शामिल थी. उन्होंने कहा, "हर तरह की हिंसा शारीरिक नहीं होती है. कई बार यह मानसिक हिंसा भी होती है और आप अपनी जिंदगी में बहुत ज्यादा दुखी हो जाते हैं."
Why it's always like we start seeing good things when the person is gone💔
Shefali Jariwala was actually a pure soul and good hearted woman❤️#ShefaliJariwala pic.twitter.com/J8IlXnAkoZ
— Bruce Wayne (@_Bruce__007) June 28, 2025
उस समय एक महिला सेलिब्रिटी के लिए अपनी शादी के टूटने और घरेलू कलह के बारे में सार्वजनिक रूप से बात करना एक बहुत बड़ा और साहसी कदम था. शेफाली ने यह कदम उठाया और समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया. उन्होंने बताया कि वह इस मुश्किल रिश्ते से बाहर निकलने का फैसला इसलिए ले पाईं क्योंकि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर थीं. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मैं अपने लिए यह फैसला इसलिए ले पाई क्योंकि मैं खुद पर निर्भर थी. मैं खुद कमा रही थी."
उनका यह बयान सिर्फ एक व्यक्तिगत अनुभव नहीं था, बल्कि उस समय की कई महिलाओं के लिए एक प्रेरणा थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक स्वतंत्रता महिलाओं को सामाजिक दबावों से मुक्त होने और अपने सम्मान के लिए खड़े होने की ताकत देती है. उस दौर में जब तलाक को एक सामाजिक कलंक माना जाता था, शेफाली ने अपनी कहानी के माध्यम से यह दिखाया कि एक दुखी रिश्ते में बंधे रहने से बेहतर है कि सम्मान के साथ अलग हो जाया जाए. इस तरह, वह सिर्फ एक 'ग्लैमरस आइकन' से कहीं बढ़कर, महिला सशक्तिकरण और आत्म-सम्मान की एक प्रतीक बन गईं.
अध्याय 4: पर्दे के पीछे की जंग - मिर्गी के साथ 15 साल का संघर्ष
शेफाली जरीवाला की जिंदगी का एक ऐसा पहलू भी था जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे—मिर्गी (epilepsy) के साथ उनका 15 साल लंबा संघर्ष. यह उनकी कहानी का सबसे महत्वपूर्ण और मार्मिक अध्याय है, जो उनके करियर और जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखने पर मजबूर करता है.
यह लड़ाई तब शुरू हुई जब वह सिर्फ 15 साल की थीं. पढ़ाई में अच्छा करने के भारी दबाव, तनाव और चिंता के कारण उन्हें पहली बार मिर्गी का दौरा पड़ा. अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि यह दौरे उन्हें कहीं भी, कभी भी आ जाते थे—क्लासरूम में, सड़क पर चलते हुए, या स्टेज के पीछे. इन घटनाओं ने उनके आत्मविश्वास को बुरी तरह से तोड़ दिया था.
यह खुलासा उनके करियर के एक बड़े सवाल का जवाब देता है. 'कांटा लगा' की जबरदस्त सफलता के बाद लोग अक्सर सोचते थे कि शेफाली अचानक पर्दे से गायब क्यों हो गईं. कई लोगों ने उन्हें "वन-हिट वंडर" मान लिया था. लेकिन सच्चाई कुछ और थी. शेफाली ने खुद बताया, "'कांटा लगा' के बाद लोगों ने मुझसे पूछा कि मैंने और ज्यादा काम क्यों नहीं किया. मैं अब कह सकती हूं कि यह मिर्गी के दौरों की वजह से था कि मैं ज्यादा काम नहीं कर सकी. मुझे नहीं पता होता था कि अगला दौरा कब पड़ जाएगा... यह 15 साल तक चला" 27.
यह जानकारी उनके करियर की कहानी को पूरी तरह से बदल देती है. वह कोई ऐसी कलाकार नहीं थीं जो अपनी प्रसिद्धि को भुनाने में असफल रहीं, बल्कि वह एक युवा महिला थीं जो चुपचाप एक गंभीर और पुरानी न्यूरोलॉजिकल बीमारी से लड़ रही थीं. मनोरंजन जगत का दबाव किसी के लिए भी बहुत ज्यादा होता है; ऐसे में एक ऐसी बीमारी के साथ काम करना जिसकी वजह से आप कभी भी नियंत्रण खो सकते हैं, असाधारण साहस की बात है.
उनकी कहानी छिपी हुई हिम्मत और लचीलेपन की है. उन्होंने एक अनुशासित जीवनशैली, व्यायाम और अपने परिवार के मजबूत समर्थन के माध्यम से इस बीमारी पर काबू पाया. अंततः, वह दौरों से मुक्त हो गईं और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करने वाली एक हिमायती बनीं. इस नजरिए से देखने पर, 'बिग बॉस' जैसे हाई-प्रेशर शो में उनकी वापसी सिर्फ एक करियर मूव नहीं, बल्कि एक 15 साल लंबी लड़ाई पर उनकी व्यक्तिगत जीत का प्रतीक थी.
अध्याय 5: दूसरी पारी - रियलिटी टीवी और सच्चा प्यार
अपनी पहली शादी के टूटने और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के बाद, शेफाली की जिंदगी में प्यार और पेशेवर सफलता ने एक नई करवट ली. यह उनकी जिंदगी की दूसरी और शायद सबसे स्थिर पारी थी, जिसकी नींव उनके दूसरे पति, अभिनेता पराग त्यागी के साथ उनके रिश्ते ने रखी.
उनकी मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए एक पार्टी में हुई थी. अपने पिछले अनुभवों के कारण शेफाली शुरुआत में किसी भी रिश्ते में बंधने से झिझक रही थीं. लेकिन पराग के शांत, देखभाल करने वाले और सम्मानजनक स्वभाव ने धीरे-धीरे उनका विश्वास जीत लिया. पराग ने शेफाली को उनकी 'कांटा लगा' वाली बोल्ड इमेज के परे एक वास्तविक इंसान के रूप में देखा और उनके इसी असली व्यक्तित्व से प्यार किया. पराग ने एक इंटरव्यू में कहा था, "शेफाली एक बहुत प्यारी इंसान है... वह एक ऐसी लड़की है जिसे कोई भी लड़का अपनी पत्नी बनाना चाहेगा. वह बहुत देखभाल करने वाली है". लगभग चार साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद, इस जोड़े ने अगस्त 2014 में शादी कर ली.
यह स्थिर और सहायक साझेदारी शेफाली के पेशेवर जीवन के पुनर्जागरण का उत्प्रेरक बनी. उन्होंने रियलिटी टेलीविजन की दुनिया में एक सफल वापसी की. उन्होंने पराग के साथ डांस रियलिटी शो 'बूगी वूगी' और 'नच बलिए' के सीजन 5 और 7 में हिस्सा लिया. इन शो ने न केवल उन्हें एक बेहतरीन डांसर के रूप में फिर से स्थापित किया, बल्कि उनकी और पराग की केमिस्ट्री को भी दर्शकों के सामने लाया.
उनके करियर का सबसे बड़ा मोड़ 2019-20 में आया, जब उन्होंने 'बिग बॉस 13' में एक वाइल्डकार्ड प्रतियोगी के रूप में प्रवेश किया. इस शो ने उनकी लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. दर्शक उनके आत्मविश्वासी, स्पष्टवादी और मजबूत व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हुए. शो में उनके पूर्व प्रेमी, दिवंगत सिद्धार्थ शुक्ला के साथ उनके समीकरण और असीम रियाज के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं. 'बिग बॉस' ने उन्हें एक बार फिर घर-घर में पहुंचा दिया, लेकिन इस बार 'कांटा लगा गर्ल' के रूप में नहीं, बल्कि एक परिपक्व और मजबूत महिला शेफाली जरीवाला के रूप में.
वर्ष | प्रोजेक्ट का नाम | प्रकार/प्लेटफार्म | भूमिका/महत्व |
2002 | कांटा लगा | म्यूजिक वीडियो | ब्रेकथ्रू भूमिका; रातों-रात सनसनी बन गईं |
2004 | मुझसे शादी करोगी | फिल्म (कैमियो) | बड़े सितारों के साथ बॉलीवुड में उपस्थिति |
2004 | कभी आर कभी पार | म्यूजिक वीडियो | एक और हिट गाना |
2008 | बूगी वूगी | टीवी (रियलिटी शो) | प्रतियोगी |
2012-13 | नच बलिए 5 | टीवी (रियलिटी शो) | पार्टनर पराग त्यागी के साथ प्रतियोगी |
2015 | नच बलिए 7 | टीवी (रियलिटी शो) | पति पराग त्यागी के साथ प्रतियोगी |
2018 | बेबी कम ना | वेब सीरीज (ALT बालाजी) | श्रेयस तलपड़े के साथ मुख्य भूमिका |
2019-20 | बिग बॉस 13 | टीवी (रियलिटी शो) | वाइल्डकार्ड प्रतियोगी; करियर में बड़ी वापसी |
2024 | शैतानी रस्में | टीवी (सुपरनैचुरल शो) | कपालिका की भूमिका; आखिरी ऑन-स्क्रीन उपस्थिति |
अध्याय 6: आखिरी दिन और एक स्थायी विरासत
जीवन की अप्रत्याशितता का सबसे दुखद प्रमाण शेफाली के आखिरी दिनों की गतिविधियों में मिलता है. अपनी मृत्यु से ठीक तीन दिन पहले, उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक ग्लैमरस तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें वह एक चमकीले सिल्वर जंपसूट में आत्मविश्वास से भरी दिख रही थीं. उसका कैप्शन था, "ब्लिंग इट ऑन बेबी". यह पोस्ट, जो उनके जीवंत व्यक्तित्व का प्रतीक थी, अब एक दुखद स्मृति बन गई है, जो एक ऐसे जीवन की याद दिलाती है जो बहुत जल्दी समाप्त हो गया.
इससे भी ज्यादा मार्मिक विडंबना यह है कि एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उनका आखिरी पोस्ट उनके 'बिग बॉस 13' के सह-प्रतियोगी, दिवंगत सिद्धार्थ शुक्ला को एक श्रद्धांजलि थी. उन्होंने सिद्धार्थ की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए एक तस्वीर साझा की थी. किसे पता था कि कुछ ही समय बाद, वह भी उसी दुखद भाग्य को प्राप्त होंगी, और मनोरंजन जगत एक और युवा सितारे को खो देगा.
शेफाली जरीवाला की विरासत सिर्फ 'कांटा लगा गर्ल' के टैग तक सीमित नहीं है. उनकी कहानी द्वंद्वों की कहानी है: एक तरफ सार्वजनिक रूप से बोल्ड और बिंदास छवि, तो दूसरी तरफ एक निजी और बौद्धिक व्यक्तित्व; एक तरफ रातों-रात मिली शोहरत, तो दूसरी तरफ एक पुरानी बीमारी के साथ लंबा संघर्ष; एक तरफ एक मुश्किल शादी का दर्द, तो दूसरी तरफ एक प्यार भरे रिश्ते का निर्माण. उनका जीवन उन सरल, एक-आयामी लेबलों को चुनौती देता है जो अक्सर मशहूर हस्तियों पर लगा दिए जाते हैं.
वह आधुनिक भारतीय संगीत वीडियो की अग्रदूत थीं, एक सांस्कृतिक बदलाव का प्रतीक थीं, एक लचीली योद्धा थीं जिन्होंने चुपचाप अपनी बीमारी से लड़ाई लड़ी, एक ऐसी महिला थीं जो अपने लिए खड़ी हुईं, और एक प्रिय व्यक्तित्व थीं जिन्होंने अपनी दूसरी पारी में प्यार और सफलता दोनों पाई. उनकी असली विरासत किसी एक उपलब्धि में नहीं, बल्कि इन विरोधाभासों को ताकत और गरिमा के साथ जीने की उनकी क्षमता में निहित है.
उनका आकस्मिक निधन उनके पति पराग त्यागी, जिनकी अस्पताल से बाहर की हृदयविदारक तस्वीरें सामने आईं, उनकी मां, और उनके अनगिनत प्रशंसकों के लिए एक अपूरणीय क्षति है.