तनुश्री दत्ता सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (CINTAA) पर काफी हद तक नाराज हैं. तनुश्री का कहना है कि नाना पाटेकर के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट को लेकर चल रही अपनी जंग में उन्हें CINTAA की तरफ से कोई खास मदद नहीं मिल पाई है. तनुश्री ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए CINTAA को कड़ी फटकार लगाई है.
तनुश्री ने कहा, "इस मामले में CINTAA ने फैसला लिया है उससे मैं बेहद निराश हूं. 10 साल पहले सेक्शुअल हैरेसमेंट को लेकर मेरी शिकायत दर्ज करने को लेकर उन्होंने सार्वजनिक रूप से मुझसे लिखित में माफी मांगी थी. इस बार जब मैं उनके वकीलों के सामने उनसे मिलने पहुंची तो उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वो नाना पाटेकर के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे और उनके बर्खास्त करेंगे. इसी के साथ 'हॉर्न ओके प्लीज' के सेट पर हुई घटना को लेकर गणेश आचार्य, प्रोड्यूसर समी सिद्दीकी और निर्देशक राकेश सारंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मैंने उनसे पूछा था कि क्या वो मुझे कानूनी रूप से मदद कर पाएंगे क्योंकि उनके पास खुद का वकील मौजूद था और यहां मुझे मानहानि जैसे मामलों में उलझाने की धमकी दी जा रही थी. लेकिन CINTAA ने ये कहकर मेरी मदद करने से मना कर दिया कि ये उनकी पॉलिसी में नहीं है कि वो किसी को इन मामलों कानूनी सहायता पहुंचाए."
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तनुश्री ने आगे कहा, "CINTAA ने मुझे कहा कि मैं अपने प्रतिनिधि द्वारा अपनी पुरानी शिकायत की अर्जी को एक बार फिर उन्हें भेजूं ताकि वो जल्द से जल्द कार्रवाई कर सकें. जब लेटर भेजा गया तो उन्हें अचानक ये तकलीफ हो गई कि लेटर प्रतिनिधि ने भेजा है तो मुझे उन्हें एक ऑथोराइजेशन लेटर देकर भेजना होगा कि ये शिकायत मैंने ही दर्ज कार्रवाई है. लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है. मुझे लगता है कि #मीटू को लेकर उनका समर्थन सिर्फ मीडिया और बड़ी बातों तक सीमित है. उनके एक्शन उनके शब्दों से ज्यादा बता रहे हैं."
एक तरफ जहां कई बड़े प्रोडक्शन हाउस उन लोगों को बर्खास्त कर रहे हैं जिनपर यौन उत्पीड़न का आरोप है, जहां बड़े सितारे भी इस विषय पर समर्थन में उतरे हैं, सरकारी अधिकारी चुने गए उन अधिकारियों को हटा रहे हैं जिनपर आरोप है, वहीं CINTAA की ये हरकत हास्य के पात्र है. इसमें कोई दोराय नहीं कि CINTAA एक बेहद ही कमजोर संस्था है और साथ ही उन्हें 10 साल पहले खुदको साबित करने का मौका मिला था लेकिन उन्होंने गंवा दिया. उन्होंने साबित कर दिया है कि यहां पीड़ितों को न्याय मिलना आसान नहीं है."
तनुश्री ने कहा, "ये बेहद शर्मनाक है कि मुझे जो उम्मीदें थी वो अब चूर हो गई हैं. देश में कानून की व्यवस्था को देखा जाए तो यहां पर हैरेसमेंट को लेकर केसेस सालों साल तक चलते हैं लेकिन शायद ही पीड़ितों को न्याय मिलता है. मेरा मतलब है कि जब पूरी फिल्म की यूनिट मौजूद थी तो फिर महज 4 लोग मिलकर मेरे साथ छेड़छाड़ नहीं कर पाते, मुझे धमकियां नहीं दे पाते और ना ही मेरी कार पर तोड़फोड़ करने के लिए गुंडों को बुलाते. उस समय कोई आगे नहीं आया."
आपको बता दें कि तनुश्री दत्ता के बाद अब कई सारी महिलाओं ने अपने साथ हुई छेड़छाड़ की घटनाओं पर चुप्पी तोड़ी है.