यादगार किरदार और सम्मान
दिल्ली गणेश को उनके यादगार किरदारों के लिए जाना जाता है. खासकर नायकन (1987) और माइकल मधना कामा राजन (1990) में उनके अभिनय ने लोगों का दिल जीत लिया. 1979 की फिल्म पासि में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया. इसके अलावा, 1994 में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा कलाईमामणि पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
टीवी और शॉर्ट फिल्मों में भी निभाई खास भूमिका
दिल्ली गणेश ने फिल्मों के अलावा टीवी सीरियल्स और शॉर्ट फिल्मों में भी काम किया. 2015 में उन्होंने फिल्म निर्माण में भी कदम रखा और एन्नुल आयिरम (2016) नामक फिल्म का निर्माण किया, जिसमें उनके बेटे महा ने मुख्य भूमिका निभाई.
उनकी आखिरी बड़ी भूमिकाओं में से एक 2016 की फिल्म धुरुवंगल पथिनारू थी, जिसमें उन्होंने एक दुखी पिता की भूमिका निभाई. इस किरदार में, वे अपने खोए हुए बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने जाते हैं, और बाद में उन्हें अपने बेटे के मृत होने की खबर मिलती है. यह किरदार भावुक और सशक्त था, जिससे उन्होंने दर्शकों के दिलों को छू लिया.
अभिनय में अमर योगदान
दिल्ली गणेश का सिनेमा में योगदान असीमित है. उनकी यादगार भूमिकाओं और सशक्त अभिनय ने उन्हें तमिल सिनेमा का एक प्रतिष्ठित चेहरा बना दिया है. उनका निधन न केवल सिनेमा जगत के लिए, बल्कि उनके अनगिनत प्रशंसकों के लिए भी एक बड़ी क्षति है.