
SC Hearing on OTT: ओटीटी (ओवर द टॉप) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री के प्रसारण को रोकने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिस पर आज अदालत में सुनवाई होने वाली है. याचिका में केंद्र सरकार को इन मंचों पर अश्लील सामग्री पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है. इस मामले को न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
याचिका में प्रमुख मांगें
याचिका में मांग की गई है कि अश्लील सामग्री के प्रसारण को प्रतिबंधित करने के लिए एक राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण (National Content Regulation Authority) के गठन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। याचिका में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर कई ‘पेज’ और ‘प्रोफाइल’ बिना किसी फिल्टर के अश्लील सामग्री प्रसारित कर रहे हैं। इसके अलावा, विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी सामग्री दिखाई जा रही है, जिसमें बाल पोर्नोग्राफी जैसे संभावित तत्व भी शामिल हैं. 18 OTT Platforms-websites and Social Media Handles Blocked: अश्लील कंटेंट पर मोदी सरकार सख्त, 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ब्लॉक, कई वेबसाइट्स, ऐप्स, सोशल मीडिया हैंडल पर भी एक्शन
सामाजिक और मानसिक प्रभाव का हवाला
याचिका में कहा गया है कि ऐसी यौन विकृत सामग्री बच्चों, युवाओं और वयस्कों के दिमाग को दूषित करती है, जिससे अप्राकृतिक और विकृत यौन प्रवृत्तियां पैदा होती हैं. यह अपराध दर में वृद्धि का कारण बन रही है. याचिका में चेतावनी दी गई है कि यदि अश्लील सामग्री के अनियंत्रित प्रसारण पर रोक नहीं लगाई गई, तो सामाजिक मूल्यों, मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
सामाजिक मूल्यों पर जोर
याचिका में सामाजिक मूल्यों के ह्रास को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया गया है. इसमें कहा गया है कि अश्लील सामग्री का प्रसारण समाज के नैतिक ताने-बाने को कमजोर कर रहा है और इससे युवा पीढ़ी विशेष रूप से प्रभावित हो रही है.
आज होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के रुख पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यह मामला डिजिटल युग में सामग्री नियंत्रण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन से जुड़ा है.