देश के 13 मान्यता प्राप्त हिंदू मठों के सर्वोच्च निकाय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने अभिनेता मिलिंद सोमण (Milind Soman) की नग्न तस्वीर की तुलना नागा साधुओं से करने पर अभिनेत्री पूजा बेदी (Pooja Bedi) की कड़ी निंदा की है. एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) ने कहा, "पूजा बेदी को नागा परंपरा का कोई ज्ञान नहीं है. हम अगले साल हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ में पूजा को आमंत्रित करेंगे ताकि वह नागा संन्यासियों के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकें."
बता दें कि हाल ही में मिलिंद ने अपने जन्मदिन के मौके पर सोशल मीडिया पर अपनी नग्न तस्वीर पोस्ट की थी, जिस पर तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की गई थीं. गोवा पुलिस ने मिलिंद के खिलाफ कथित रूप से अश्लीलता को बढ़ावा देने के लिए मामला भी दर्ज किया था. बेदी ने मिलिंद का बचाव करते हुए ट्वीट किया था, "मिलिंद सोमण की इस फोटो में कुछ भी अश्लील नहीं है. अश्लीलता देखने वाले की कल्पना में होती हैं. यदि नग्नता एक अपराध है तो सभी नागा बाबाओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. केवल शरीर पर राख रगड़ लेना इसे स्वीकार्य नहीं बना सकता है!" यह भी पढ़े: Milind Soman’s Nude Run: बीच पर न्यूड होकर रनिंग करने के बाद अब मिलिंद सोमन के खिलाफ केस हुआ दर्ज
Please tell me why this video of naked men flashing & flaunting their genitalia isn't obscene? Because it involves men considered "holy" ? Is there anything holy about what they r doing in this video? Why should't they b booked 4 obscenity?@milindrunninghttps://t.co/0rcLQ9H6ev
— Pooja Bedi (@poojabeditweets) November 9, 2020
गिरि ने कहा कि "नागा संन्यासियों की परंपरा से एक मॉडल या फिल्म कलाकार की नग्नता और अश्लीलता की तुलना करना गलत है. उन्हें कुंभ में कुछ समय बिताना चाहिए और नागा सन्यासियों की कठिन तपस्या को देखना चाहिए."
उन्होंने कहा कि नागा सन्यासी वैष्णव और दिगंबर जैन परंपराओं में पाए जाते हैं और सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार इन संन्यासियों को जीवन में घोर तपस्या और त्याग करने पड़ते हैं.