कोलकाता, 10 जून: प्रख्यात फिल्म निर्देशक बुद्धदेब दासगुप्ता का काफी दिनों तक गुर्दे की बीमारी से जूझने के बाद बृहस्पतिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से यहां स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह 77 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी और उनकी पहली शादी से दो बेटियां हैं. परिवार के सदस्यों ने बताया कि दासगुप्ता की पत्नी सोहिनी ने शहर में कलिकापुर इलाके में स्थित उनके आवास में सुबह छह बजे देखा कि दासगुप्ता के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि उन्हें नींद में ही दिल का दौरा पड़ा था.
दासगुप्ता कहानियों को दिलचस्प तरीके से पेश करने के लिए प्रसिद्ध थे, वह अक्सर जटिल मानवीय चरित्रों की पड़ताल में शामिल होते थे और मार्मिक प्रश्नों को सामने लाते थे. उनकी राजनीतिक विचारधारा उनके सिनेमा में अच्छी तरह से परिलक्षित होती थी. उनकी कई कविताएं भी प्रकाशित हुईं है.
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जाने-माने निर्देशक के देहांत पर देशभर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. प्रधानमंत्री ने भी उनके निधन पर दुख जताया. मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से दुखी हूं. उनके विविधतापूर्ण कार्यों ने समाज के सभी वर्गों के दिलों को छुआ. वह एक प्रसिद्ध विचारक और कवि भी थे. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के सदस्यों और उनके चाहने वालों के साथ हैं.’’
निर्देशक के परिवार एवं मित्रों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “प्रख्यात फिल्मकार बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से दुखी हूं. अपने काम के जरिए उन्होंने सिनेमा की को अनूठा बना दिया. उनका निधन फिल्म समुदाय के लिए बड़ा नुकसान है.”