Namaste England Movie Review: अर्जुन और परिणीति की इस लव स्टोरी में लॉजिक ढूंढना है बेकार
फिल्म 'नमस्ते इंग्लैंड' का रिव्यू

फिल्म 'इशकजादे' में अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा की लाजवाब केमिस्ट्री ने दर्शकों का जीत लिया था और इस बार भी कुछ ऐसी ही उम्मीद लगाई जा रही थी. 'नमस्ते इंग्लैंड' में अर्जुन और परिणीति की बेहतरीन केमिस्ट्री तो देखने को जरुर मिली लेकिन पूर्ण रूप से फिल्म ने काफी निराश किया. विपुल अमृतलाल शाह ने अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ स्टारर 'नमस्ते लंदन' का निर्देशन किया था. इस फिल्म को ऑडियंस ने खूब पसंद किया था लेकिन इस बार विपुल शाह अपने निर्देशन से ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए. पहले हाफ तक फिल्म ने तब भी मनोरंजन किया लेकिन दूसरे हाफ में अर्जुन और परिणीति की इस फिल्म में क्या हो रहा था,वह समझ से बाहर था.

कहानी:- यह कहानी जसमीत (परिणीति चोपड़ा) और परम (अर्जुन कपूर) की है. परम को जसमीत से प्यार हो जाता है लेकिन जसमीत के घरवाले पुराने ख्यालात के होते हैं. इसलिए वे दोनों छुप छुपकर मिलते हैं. साथ ही जसमीत के घरवाले उसे नौकरी भी करने से मना करते हैं जबकि जसमीत एक ज्वैलरी डिजाइनर के रूप में काम करना चाहती हैं. जसमीत अपने घरवालों को बिना बताए नौकरी पर जाना शुरू कर देती हैं. कुछ दिनों बाद यह बात उसके घरवालों को पता चल जाती है. इसके बाद वे उसकी शादी कराने का फैसला लेते हैं. परम के पिता अपने बेटे के लिए जसमीत का हाथ मांगने उसके घर जाते हैं और दोनों की शादी तय कर दी जाती हैं. शादी होने के बाद किस तरह यह कहानी लंदन की ओर रुख करती है, यह जानने के लिए आपका इस फिल्म को देखना जरुरी है. पहले हाफ के अंत में कहानी को एक जबरदस्त ट्विस्ट दिया जाता है जो दर्शकों को हैरान कर देगा. लेकिन दूसरे हाफ में इस्तेमाल लिए गए डायलॉग फिल्म का मजा किरकिरा कर देते हैं.

यह भी पढ़ें: -  नमस्ते इंग्लैंड के नए सॉन्ग 'तू मेरी मैं तेरा' में छलका दिल टूटने का दर्द!

निर्देशन: - विपुल अमृतलाल शाह से उम्मीदें तो बहुत थी लेकिन इस बार उन्होंने निराश किया. फिल्म में कुछ ऐसे दृश्य हैं जिनमें जरा भी लॉजिक नजर नहीं आता है. यहां तक कि कुछ सीरियस सीन्स पर भी आप खुद को हंसते हुए पाएंगे. फिल्म की कहानी और निर्देशन दोनों ही कमजोर पड़ते हैं, जिसकी वजह से यह फिल्म आपको इम्प्रेस करने में नाकामयाब हो सकती हैं.

अभिनय: - एक्टिंग की बात करें तो परिणीति और अर्जुन दोनों ने ही अपने किरदारों को बखूबी निभाया है. दोनों का अभिनय सराहनीय है. साथ ही अर्जुन और परिणीति की केमिस्ट्री भी शानदार है. अगर आप इस फिल्म की लीड जोड़ी के फैन है तो यही वो एक मात्र वजह हो सकती है जिसके लिए आप इस फिल्म को देख सकते हैं.

यह भी पढ़ें:-  Behind the scenes: इस वीडियो में देखें नमस्ते इंग्लैंड के सेट पर हुई मौजमस्ती की एक झलक

'नमस्ते लंदन' की तुलना में कैसी है 'नमस्ते इंग्लैंड' ?

2007 में रिलीज हुई अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ की फिल्म 'नमस्ते लंदन' को आज भी लोग उतने ही उत्साह के साथ देखना पसंद करते हैं. अफसोस, 'नमस्ते इंग्लैंड' कुछ ऐसा जलवा नहीं दिखा पाई. 'नमस्ते लंदन' में एक दृश्य था जिसमें अक्षय कुमार एक स्पीच देकर अंग्रेजों को भारत के बारे में जानकारी देते हैं. अक्षय उन्हें उन सारी वजहों के बारे में बताते हैं जिनके कारण वह एक भारतीय होने पर गर्व महसूस करते हैं. 'नमस्ते इंग्लैंड' में भी एक वैसा ही मिलता-जुलता सीन रखा गया है जिसमें अर्जुन अपने देश के बारे में एक छोटी सी स्पीच देते हैं लेकिन 'नमस्ते लंदन' के उस दृश्य से तुलना की जाए तो यह सीन भी उतना प्रभावशाली नहीं साबित होता है.

म्यूजिक: - फिल्म का म्यूजिक इसकी लाज बचाता है. 'तेरे लिए', 'धूम धड़ाका', 'भरे बाजार' और 'प्रॉपर पटोला' जैसे गाने आपको काफी पसंद आएंगे. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर साधारण है.

फिल्म की खूबियां: -

1. अर्जुन और परिणीति की बेहतरीन केमिस्ट्री

2. फिल्म का म्यूजिक

फिल्म की खामियां: -

1. कमजोर कहानी

2. फीके डायलॉग्स

3. निराशाजनक निर्देशन

कितने स्टार्स?

फिल्म की कहानी और डायलॉग्स पर अगर थोड़ा ज्यादा ध्यान दिया जाता तो शायद यह फिल्म दर्शकों को प्रभावित करने में सफलता प्राप्त करती. सिर्फ अर्जुन और परिणीति की बेहतरीन केमिस्ट्री के लिए हम इस फिल्म को 1.5 स्टार्स देना चाहेंगे.

Rating:1.5out of 5