Lantrani Movie Review: जिशु सेनगुप्ता और जॉनी लीवर की दमदार अदाकारी ने 'लंतरानी' को बनाया खास, फिल्म समाज को देती है जरूरी संदेश!
Jitendra Kumar (Photo Credits: Instagram)

Lantrani Movie Review: 'लंतरानी' जी5 पर रिलीज हुई एक एंथोलॉजी फिल्म है, जिसमें तीन कहानियां हैं: हुड़ हुड़ दबंग, सैनेटाइज्ड न्यूज और धरना जारी है ये तीनों कहानियां छत्तीसगढ़ में फिल्माई गई हैं और कोरोना महामारी के दौर में स्थापित हैं. फिल्म के लेखक दुर्गेश सिंह हैं और इसे कौशिक गांगुली , भास्कर हजारिका और गुरविंदर सिंह ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में देश के सिस्टम की असलित को दिखाने का प्रयास हुआ है, जिसमें वे काफी हद तक सफल भी रहे हैं.  Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya Review: दिल को छूता है रोबोटिक रोमांस, 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' में जमी शाहिद-कृति की जोड़ी!

हुड़ हुड़ दबंग, तीनों कहानियों में सबसे दमदार है. जॉनी लीवर और जिशु सेनगुप्ता की दमदार अभिनय इस कहानी को जीवंत बनाते हैं. कहानी समलैंगिकता जैसे विषय को छूती है और समाज में इसके प्रति मौजूद भेदभाव को दर्शाती है. जॉनी लीवर एक पुलिस के किरदार में नजर आए हैं, जिसका रिटायरमेंट का आज वक्त है, पर उन्हें उससे पहले जेल में बंद एक कैदी जिशु सेनगुप्ता को कोर्ट में पेश करना है. जेल से कोर्ट तक का सफर बेहद ही यादगार होने वाला है, साथ ही समाज का एक घिनौना चेहरा भी देखने मिलता है.

सैनेटाइज्ड न्यूज, की शुरुआत तो ठीक-ठाक होती है, पर एक वक्त के बाद उबाऊ हो जाती है. यह कहानी एक बंद होने के कगार पर खड़े चैनल की है. जो अब अपना बिजली का बिल भरने के लिए नमकीन की पैकिंग का सहारा लिए हुए हैं. पर इसी बीच एक विज्ञापन का ताम-झाम सामने आता है. कहानी उबाऊ है और दर्शक को बांधे रखने में विफल रहती है.

धरना जारी है, जितेंद्र कुमार अभिनीत एक व्यंग्यपूर्ण कहानी है. यह एक महिला सरपंच और उसके पति की कहानी है जो सरकारी अनुदान के लिए धरना पर बैठ जाते हैं. कहानी सरकारी तंत्र की खामियों और भ्रष्टाचार को उजागर करती है, कि किस तरह से अगर एक दलित सरपंच काम भी करना चाहे तो समाज की सोच उन्हें मरने पर मजबूर कर दे.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Jitendra Kumar (@jitendrak1)

लंतरानी एक मिश्रित कहानी को संगम है. पहली कहानी शानदार है, दूसरी कमजोर है, और तीसरी ठीक है. यदि आप जॉनी लीवर और जिशु सेनगुप्ता के प्रशंसक हैं, तो आपको यह फिल्म देखनी चाहिए. यदि आप व्यंग्यपूर्ण कहानियों का आनंद लेते हैं, तो आपको तीसरी कहानी पसंद आएगी. यदि आप समाचार चैनलों के कामकाज के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप दूसरी कहानी देख सकते हैं. कुल मिलाकर, लंतरानी एक औसत फिल्म है. पर समाज का एक नया रूप दिखाती है और हमें सोचने पर भी मजबूर करती है.

Rating:3out of 5