Kesari Chapter 2 Review: जलियांवाला बाग की चीख बनकर लौटी 'केसरी चैप्टर 2', अक्षय कुमार और आर माधवन ने भरा हर सीन में जोश और जज्बा
Kesari Chapter 2 Review (Photo Credits: Dharma Productions)

Kesari Chapter 2 Review: त्योहार का दिन, खुशियों की महफिल और तभी होती है गोलियों की बौछार. 106 साल पहले जलियांवाला बाग में यही हुआ था, और आज भी उस नरसंहार की चीखें इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. ‘Kesari Chapter 2’ इसी सच्ची घटना पर आधारित है, जो दर्शकों को सिर्फ एक देशभक्ति फिल्म नहीं, बल्कि एक कड़वा सच दिखाती है. करण सिंह त्यागी द्वारा डायरेक्टेड इस फिल्म में अक्षय कुमार ने सी शंकरन नायर का किरदार निभाया और जान फूंक दी. वहीं आर माधवन भी अक्षय के सामने डटकर खड़े नजर आए. Jaat Review: 'घायल' और 'घातक' की याद दिलाता सनी देओल का एंग्री अवतार, जबरदस्त एक्शन और डायलॉगबाजी

फिल्म की कहानी उस मासूम बच्चे की चीख से शुरू होती है, जो अपनी मां और बहन को ढूंढ रहा है — शायद वो कभी लौटें ही नहीं. ये सिर्फ एक मर्डर की दास्तान नहीं, बल्कि एक वकील की जंग है जो इंसाफ की लड़ाई कोर्ट तक ले गया. Chettur Sankaran Nair (अक्षय कुमार) एक प्रतिष्ठित वकील हैं, जिन्हें British Crown तक सम्मान देता है. लेकिन जलियांवाला नरसंहार के बाद वह ब्रिटिश साम्राज्य को कोर्ट में घसीटते हैं. अक्षय का किरदार बेहद संयमित लेकिन भीतर से उबलता हुआ विद्रोह दर्शाता है. उनके डायलॉग्स कम हैं, लेकिन जो भी हैं — सीधा दिल और दिमाग पर असर करते हैं.

देखें केसरी चैप्टर 2 का ट्रेलर:

फिल्म के इंटरवल में आर. माधवन की एंट्री होती है, जो एक अंग्रेज वकील के किरदार में हैं और उनकी मौजूदगी कहानी में जान फूंक देती है. कई सीन में वह अक्षय कुमार से भी ज़्यादा प्रभाव छोड़ते हैं. अनन्या पांडे ने यंग लॉयर Dilreet Gill का रोल निभाया है. भले ही उनके पास स्क्रीन टाइम कम है, लेकिन उनकी ईमानदारी फिल्म में एक फ्रेश एलिमेंट जोड़ती है.

निर्देशक करण सिंह त्यागी ने फिल्म को नारेबाज़ी से दूर रखा है. कोई ज़रूरत से ज़्यादा इमोशन या ड्रामा नहीं है. फिल्म एक steady-paced कोर्टरूम ड्रामा है, जो हर सीन के साथ एक नया ऐतिहासिक सच उजागर करता है. हालांकि दूसरे हाफ में थोड़ी रफ्तार धीमी पड़ती है, लेकिन क्लाइमैक्स बहुत मजबूत है.

Mahatma Gandhi की असली फुटेज फिल्म को एक ऐतिहासिक स्पर्श देती है, और जब वो कहते हैं: “Mr. Sankaran Nair ने सिर्फ डायर को नहीं, ब्रिटिश साम्राज्य की आत्मा को बेनकाब किया है” — तब सच में रोंगटे खड़े हो जाते हैं. फिल्म का म्यूज़िक, खासकर Teri Mitti और Oh Shera, इसकी आत्मा को और गहराई देता है. कैमरे का काम शानदार है — नरसंहार के सीन रॉ हैं, रियल हैं और डराने में सफल होते हैं.

'ओ शेरा' गाना:

‘Kesari Chapter 2’ कोई टिपिकल देशभक्ति फिल्म नहीं है. ये उस नायक की कहानी है जिसे इतिहास की किताबों में भुला दिया गया. ये एक रीमाइंडर है कि ब्रिटिश सरकार ने आज तक माफी नहीं मांगी — और हमें अब भी जवाब चाहिए.

हर भारतीय को ये फिल्म देखनी चाहिए, सिर्फ इतिहास जानने के लिए नहीं, बल्कि इंसाफ की अधूरी जंग को महसूस करने के लिए. इस फिल्म को मेरी तरफ से 5 में से 4 स्टार.

Rating:4out of 5
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