अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने आरोप लगाया है कि उनका मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक तौर पर शोषण किया जा रहा है. कंगना ने इस बात का भी जिक्र किया कि उन्हें अपनी इन यातानाओं के बारे में किसी से कहने को भी मना किया गया है. अभिनेत्री ने शुक्रवार को अपने सत्यापित ट्विटर अकांउट में एक वीडियो साझा कर कहा, "जब से मैंने देश के हित में बात की है, उसके बाद से जिस तरह से मुझपर अत्याचार किया जा रहा है, मेरा शोषण किया जा रहा है, वो सारा देश देख रहा है. गैरकानूनी तरीके से मेरा घर तोड़ दिया गया, किसानों के हित में बात करने के लिए हर दिन मुझपर न जाने कितने केसेज डाले जा रहे हैं. यहां तक कि मुझपे हंसने के लिए भी एक केस हुआ है."
कंगना ने वीडियो में आगे कहा, "मेरी बहन जिन्होंने कोरोनाकाल के शुरुआत में रंगोली जी ने डॉक्टरों पे हुए अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी, उनपे भी केस हुआ. उस केस में मेरा नाम भी डाल दिया गया, जबकि उस वक्त मैं ट्विटर पर थी भी नहीं थी. अब ऐसा होता नहीं है, लेकिन ऐसा किया गया, जो हमारे सम्माननीय चीफ जस्टिस जी है उन्होंने उस चीज को रिजेक्ट भी किया और उन्होंने कहा कि यह केस का कोई तुक नहीं है. उसके साथ में यह ऑर्डर आया कि मुझे पुलिस स्टेशन में जाकर हाजिरी लगानी पड़ेगी और मुझे कोई यह बता नहीं रहा है कि किस तरह की ये हाजिरी है और मुझे यह भी कहा गया है कि मैं अपने साथ हुए इन अत्याचारों का किसी के साथ न बात कर सकती हूं, न बोल सकती हूं, न बता सकती हूं, तो मैं सम्माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी पूछना चाहती हूं कि यह क्या मध्यकालीन युग है, जहां पर औरतों को जिंदा जलाया जाता है, वह किसी से कुछ बोल भी नहीं सकती, बात भी नहीं कर सकती." यह भी पढ़े: PHOTOS: चेहरे पर चश्मा चढ़ाकर बांद्रा पुलिस स्टेशन पहुंची Kangana Ranaut, राजद्रोह मामले में 2 घंटे तक चली पूछताछ
Why am I being mentally, emotionally and now physically tortured? I need answers from this nation.... I stood for you it’s time you stand for me ...Jai Hind 🙏 pic.twitter.com/qqpojZWfCx
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) January 8, 2021
आखिर में वह कहती हैं, "इस तरह के अत्याचार सारी दुनिया के सामने हो रहे हैं. मैं लोगों से यही कहना चाह रही हूं, जो आज ये तमाशा देख रहे हैं, उनसे यही कहना चाह रही हूं कि जिस तरह के खून के आंसू हजार साल के गुलामी में सहे हैं, वो फिर से सहने पड़ेंगे, अगर राष्ट्रवादी आवाजों को चुप करा दिया गया. जय हिंद."