Happy Phirr Bhag Jayegi Review : 'हैप्पीनेस' का डबल डोज़ देती है यह फिल्म, खूब हंसाता है जिम्मी शेरगिल का मजाकिया अंदाज
फिल्म 'हैप्पी फिर भाग जाएगी' का रिव्यू

मुदस्सर अजीज द्वारा निर्देशित फिल्म 'हैप्पी फिर भाग जाएगी' शुरुआत से लेकर अंत तक सिर्फ आपको हंसाएगी. बॉलीवुड में एक फिल्म का सीक्वल बनाना किसी रिस्क से कम नहीं होता है. फिल्म 'हैप्पी भाग जाएगी' तो दर्शकों का दिल जीतने में सफल रही थी. इसी वजह से इसके दूसरे पार्ट से भी काफी उम्मीदें लगाई जा रही थी और यह फिल्म इन उम्मीदों पर खड़ी भी उतरी है. फिल्म का पहला हाफ कॉमेडी से भरपूर है. दूसरे हाफ की शुरुआत थोड़ी धीमी होती है पर बाद में यह फिल्म रफ्तार पकड़ लेती है. इस फिल्म की कहानी इसके पहले पार्ट से जुड़ी हुई है तो इस फिल्म को देखने से पहले आप लोगों का 'हैप्पी भाग जाएगी' को देखना आवश्यक है.

कहानी - कहानी की शुरुआत में बग्गा (जिम्मी शेरगिल) और उस्मान अफरीदी (पीयूष मिश्रा) को कुछ लोग अगवा कर चीन ले आते हैं. फिल्म की कहानी पास्ट में जाती है और वहां गुड्डू (अली फजल) और हैप्पी (डायना पेंटी) को अमृतसर में दिखाया जाता है. गुड्डू को एक कॉन्सर्ट के लिए चीन बुलाया जाता है. इसलिए ये दोनों चीन जाने की प्लानिंग कर रहे होते हैं. हैप्पी को चीन के कुछ लोग किडनैप करना चाहते हैं और इसलिए कॉन्सर्ट का बहाना बनाकर वे इन दोनों को चीन बुलाते हैं लेकिन एयरपोर्ट पर नाम को लेकर हुए कंफ्यूजन के कारण वे दूसरी हैप्पी (सोनाक्षी) को किडनैप कर लेते हैं. यह हैप्पी चीन के एक कॉलेज में प्रोफेसर की पोस्ट पर ज्वाइन करने जा रही होती हैं पर गलती से वे लोग इसकी किडनैपिंग कर लेते हैं. फिर बताया जाता है कि बग्गा और उस्मान अफरीदी को असली हैप्पी से यह निवेदन करने के लिए बुलाया जाता है कि वह बिलाल अहमद से बात करें. इसके पीछे इन चीनी लोगों का एक खास मकसद होता है. वहीं दूसरी हैप्पी (सोनाक्षी सिन्हा ) इन चीनी लोगों के चंगुल से भाग जाती है. फिर खुशवंत (जस्सी गिल) उनकी मदद करता है. इस हैप्पी के चीन आने की असली वजह भी कुछ और होती है जिसे पूरा करने के लिए खुशवंत, बग्गा और उस्मान अफरीदी उनकी मदद करते हैं. दूसरी तरफ उन चीनी लोगों को इस हैप्पी की तलाश होती है ताकि वह इसे किडनैप कर असली हैप्पी का पता लगवा सकें.

निर्देशन : -'हैप्पी फिर भाग जाएगी' को देखकर साफ पता लगता है कि मुदस्सर अजीज ने इस फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है. अगर पहले पार्ट से तुलना की जाए तो यह फिल्म बेहतर साबित होती है. हालांकि, फिल्म के दूसरे हाफ को थोड़ा और मजेदार बनाया जा सकता है. मुदस्सर अजीज ने सभी कलाकारों के टैलेंट का बखूबी से इस्तेमाल किया है.

अभिनय : जिम्मी शेरगिल कभी भी दर्शकों को निराश नहीं करते हैं. इस बार भी उनका मजाकिया अंदाज आपको खूब हंसाएगा. सोनाक्षी सिन्हा, जस्सी गिल और पीयूष मिश्रा का अभिनय भी काबिले तारीफ है. अगर डायना पेंटी और अली फजल की बात करें तो इस फिल्म में उनका रोल काफी कम है पर तब भी इन दोनों ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है. जिम्मी शेरगिल की जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग और पीयूष मिश्रा का उर्दू बोलने का अनोखा अंदाज आपको हंसने पर मजबूर कर देगा.

म्यूजिक : फिल्म का म्यूजिक काफी अच्छा है. कुछ गाने बिल्कुल 'डांसिंग नंबर्स' हैं जिन्हें सुनते ही आपका भी थिरकने का मन करेगा. एक कॉमेडी फिल्म के हिसाब से 'हैप्पी फिर भाग जाएगी' का बैकग्राउंड स्कोर काफी शानदार है.

फिल्म की खूबियां :-

1. जिम्मी शेरगिल की जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग

2. पीयूष मिश्रा का उर्दू बोलने का अलग स्टाइल.

3. सोनाक्षी सिन्हा और जस्सी गिल का अभिनय

फिल्म की खामी : दूसरे हाफ की धीमी शुरुआत

कितने स्टार्स ?

पूरी फिल्म के दौरान आप बस हंसते रहेंगे और अगर कुछ दृश्यों पर हंसी नहीं आए, तब भी आपके चेहरे पर एक मुस्कान तो बनी ही रहेगी. दूसरे हाफ को थोड़ा और दमदार बनाया जा सकता था पर तब भी 'हैप्पी फिर भाग जाएगी' आपको 'हैप्पी' करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. इस फिल्म को हम 3 स्टार्स देना चाहेंगे.