(तस्वीरों के साथ)
ढाका, 13 अगस्त बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को प्राचीन ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और पीड़ित हिंदू समुदाय से मुलाकात की। उन्होंने वहां उनसे धैर्य रखने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला करने वालों को दंडित करेगी।
अर्थशास्त्री (84 वर्षीय) ने जारी हिंसा और तोड़फोड़ के बीच आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने ढाका में प्रमुख शक्तिपीठों में से एक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए। यूनुस ने देश की दुर्दशा के लिए ‘‘संस्थागत पतन’’को जिम्मेदार ठहराया।
उनका दौरा ऐसे समय हुआ जब बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस(बीएनएचजीए) ने कहा है कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है और इसे ‘‘हिंदू धर्म पर हमला’’ करार दिया।
‘डेली स्टार’ अखबार ने युनूस को उद्धृत करते हुए कहा, “अधिकार सबके लिए समान हैं। हम सब एक ही व्यक्ति हैं और हमारे पास एक ही अधिकार है। हमारे बीच कोई भेदभाव न करें। कृपया हमारी सहायता करें। धैर्य रखें और बाद में आकलन करें - हम क्या कर पाए और क्या नहीं। अगर हम असफल होते हैं, तो हमारी आलोचना करें।”
युनूस ने कहा, “हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में हमें मुसलमान, हिंदू या बौद्ध नहीं बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए। हमारे अधिकार सुनिश्चित होने चाहिए। सभी समस्याओं की जड़ संस्थागत व्यवस्थाओं के क्षय में है। इसीलिए ऐसे मुद्दे उठते हैं। संस्थागत व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है।”
प्रोफेसर यूनुस के साथ विधि सलाहकार आसिफ नजरुल और धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन भी थे।
हुसैन के मंत्रालय ने सोमवार को एक हॉटलाइन स्थापित की, जिसमें लोगों से मंदिरों, चर्चों या किसी अन्य धार्मिक संस्थानों पर हमलों के बारे में जानकारी देने को कहा गया।
बंगाली के दैनिक अखबार ‘प्रोथोम आलो’ ने सोमवार को मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए बताया, ‘‘अगर किसी मंदिर, चर्च, पैगोडा या किसी अन्य धार्मिक संस्थान पर उपद्रवियों द्वारा हमला किया जाता है, तो उनसे अनुरोध है कि वे इसकी सूचना इस मोबाइल नंबर 01766-843809 पर कॉल करके या एसएमएस भेजकर दें।’’
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