Uttar Pradesh: कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर साधा निशाना, कहा- इस्तीफा दें या उन्हें बर्खास्त किए जाए
सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) ने उत्तर प्रदेश की बीजेपी (BJP) सरकार पर कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से होने वाली मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को इस्तीफा देना चाहिए और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) को उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए. CM Yogi at Work: सीएम योगी ने दिए निर्देश, उत्तर प्रदेश में लगेंगे 10 नए ऑक्सीजन प्लांट

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच की संख्या में कथित कमी का मुद्दा उठाया और सवाल किया कि क्या प्रदेश सरकार तीसरी लहर के लिए रास्ता बनाकर फिर उससे लड़ने की तैयारी कर रही है?

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बिजनौर की 32 लाख आबादी पर रोज मात्र 800-1000 आरटीपीसीआर टेस्ट होते हैं. माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि बिजनौर जैसे जिले में प्रतिदिन 4-5 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट होने चाहिए, अन्यथा हम तीसरी लहर को आमंत्रण दे रहे हैं. क्या उप्र सरकार तीसरी लहर के लिए रास्ता बनाकर फिर उससे लड़ने की तैयारी कर रही है?’’

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र सरकार कुछ राज्य सरकारों से साथ मिलकर मौत के आंकड़ों को छिपाने का कुत्सित प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश में भी यही हो रहा है.’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘लखनऊ में एक अप्रैल से 15 मई के बीच डेढ़ महीने में, इसके पहले के डेढ़ महीनों की तुलना में, दो हजार अतिरिक्त मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए. यह साफ है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही मौत के आंकड़ों में वृद्धि हुई है.’’

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन की कमी और अस्पताल में जगह नहीं मिलने से होने वाली मौतों के आंकड़े सरकार के आंकड़ों में नहीं जुड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार लोगों के जीवन की रक्षा नहीं कर सकी और लोगों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार के अधिकार से भी वंचित किया. यह सरकार पूरी तरह से विफल और असंवेदनशील हो चुकी है.’’

अराधना ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में ऐसी सरकार के बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. अगर मुख्यमंत्री में नैतिकता है तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो राज्यपाल को उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए.’’

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