पणजी, 24 नवंबर बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर ने रविवार को कहा कि वह फिल्म रीमेक में विश्वास नहीं रखते लेकिन अगर उन्हें फिल्म निर्माता और अपने दादा राज कपूर की किसी एक फिल्म को नये तरीके से बनाने को कहा जाए तो वह 1955 की ब्लैक-एंड-व्हाइट फिल्म ‘श्री 420’ को बनाना चाहेंगे।
राज कपूर की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में निर्देशक राहुल रवैल के साथ बातचीत के दौरान रणबीर से पूछा गया कि वह अपने दादा की किस फिल्म का रीमेक बनाना चाहेंगे।
रणबीर ने कहा, “मैं रीमेक में विश्वास नहीं रखता क्योंकि मेरा मानना है कि फिल्म को उसकी पूरी क्षमता के अनुसार बनाया जाता है और आपको उससे छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, खासकर राज कपूर की फिल्मों को। लेकिन मैं ‘श्री 420’ को नये तरीके से बनाना पसंद करूंगा क्योंकि यह मेरी पसंदीदा फिल्म है।”
उन्होंने कहा कि उनकी एक और फिल्म जिसको वह दोबारा बनाना चाहेंगे वह है ‘संगम’ (1964)।
‘श्री 420’ के अलावा राज कपूर की एक और फिल्म जिसने कलाकार के रूप में रणबीर पर गहरा प्रभाव छोड़ा, वह है 1956 में आई फिल्म ‘जागते रहो’।
अमित मैत्रा और सोमभु मित्रा ने ‘जागते रहो’ का निर्देशन किया था।
रणबीर ने कहा, “मेरे दादाजी ने 24 साल की उम्र में ‘आग’ नाम की एक फिल्म का निर्देशन, अभिनय, निर्माण, लेखन और संपादन किया था। मैं आज 42 साल का हूं और मेरे पास अब भी फिल्म निर्देशित करने की हिम्मत नहीं है। मैंने ‘जग्गा जासूस’ नाम की एक फिल्म का निर्माण किया जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही।”
उन्होंने कहा, “लेकिन मैं एक अच्छी कहानी का इंतजार कर रहा हूं क्योंकि एक निर्देशक को तभी फिल्म बनानी चाहिए जब उसके पास बताने के लिए कोई कहानी हो, न कि सिर्फ फिल्म बनाने के लिए।”
अभिनेता ने कहा कि अभिनय करना भी कठिन है लेकिन फिल्म निर्देशन से कहीं ज्यादा आसान है।
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