यवतमाल (महाराष्ट्र), 22 अगस्त : जिले के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपस्थिति के कारण एक गर्भवती महिला द्वारा मजबूरी में बरामदे में बच्चे को जन्म देने और जन्म के बाद बच्चे की मौत के मामले में दो स्वास्थ्यकर्मियों और एक एएनएम को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि एक फार्मेसी अधिकारी, दो स्वास्थ्य सहायकों और एक महिला ‘स्वास्थ्य विजिटर’ को सोमवार को निलंबित कर दिया गया.
घटना यवतमाल जिले के उमरखेड तालुका के विपुल पीएचसी में 19 अगस्त को हुई. प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई जिसके कारण महिला के पिता ने स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. महिला के पिता ने दावा किया कि एम्बुलेंस नहीं होने के कारण वह अपनी बेटी को ऑटो में विपुल पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) लेकर आए थे, लेकिन उन्हें वहां कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं मिला और उसे केन्द्र के बरामदे में बच्चे को जन्म देना पड़ा. यह भी पढ़ें : दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना में अड़चन, रेलवे बोर्ड ने व्यवहार्यता रिपोर्ट खारिज की
एक अधिकारी ने बताया कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रह्लाद चव्हाण ने 20 अगस्त को विपुल पीएचसी का दौरा किया और उनकी जांच रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त और निलंबित किया गया है. चव्हाण ने कहा कि यवतमाल के जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि बर्खास्त किए गए दो स्वास्थ्य कर्मियों में से एक बांड पर जबकि दूसरा संविदा पर था . तालुका के स्वास्थ्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.