समान नागरिक संहिता पर हम जनता के दरबार में जा चुके हैं: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी (Photo Credit: Facebook)

देहरादून, 30 जून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए प्रदेश की जनता का समर्थन उन्हें मिल चुका है . सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूरा करने के मौके पर सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका '100 दिन विकास के, समर्पण और प्रयास के' का विमोचन करने के बाद धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कुछ लोग उन्हें पत्र लिखने वाले हैं या कहने वाले हैं कि आप उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का कानून क्यों लाने वाले हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा है कि यह लागू करने से पहले हम उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के दरबार में गए हैं. विधानसभा चुनाव से पहले 12 फरवरी को हमने जनता के सामने एक संकल्प रखा था कि सरकार बनते ही हम प्रदेश में सबके लिए एक समान कानून लाएंगे.’’

इस साल 14 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में 47 सीटों पर विजय हासिल कर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का इतिहास बनाया था.धामी ने फिर दोहराया कि दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने, गंगा का उद्गम और सैनिक बाहुल्य प्रदेश होने तथा धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का केंद्र होने के कारण प्रदेश के लिए यह जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘इन बातों को देखते हुए उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए और सबके लिए एक समान कानून होना चाहिए.’’

उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढते हुए सरकार बनते ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गयी और फिर सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में इसका मसौदा तैयार करने के लिए पांच-सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समिति काम कर रही है, जो समान नागरिक संहिता कानून का मसौदा तैयार करने से पहले सभी हितधारकों से बात करेगी . यह भी पढ़ें : एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री: भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस

उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि समिति प्रदेश के अंदर कुछ स्थानों पर जाकर लोगों से इस बारे में सीधी बात करे. इस संबंध में उन्होंने समिति की वेबसाइट भी तैयार करने को कहा, जिस पर लोग सीधे ही अपने सुझाव दे सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि राज्य में होने वाले सभी काम जन सहभागिता से ही हों . धामी ने कहा कि अंत्योदय परिवारों को एक साल में रसोई गैस के तीन सिलेंडर मुफ्त दिए जाने का शासनादेश भी किया जा चुका है और इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा . धामी ने कहा कि 100 दिन के कालखंड में अनेक निर्णय लिए जा चुके हैं तथा बहुत से अभी लेने शेष हैं, जबकि कई अन्य निर्णयों का प्रस्ताव तैयार करना है.