वायनाड (केरल), नौ अगस्त चूरलमाला पहुंचते ही मोहनन का चेहरा उतर गया। वह केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से तबाह हुए अपने गांव की तबाही का सामना कर रहे, बचे कुछ लोगों के एक समूह का हिस्सा हैं।
भूस्खलन की घटनाओं में जीवित बचे मोहनन और अन्य लोग विनाशकारी भूस्खलन के बाद पहली बार अपने गांव का दौरा कर रहे थे, जिसने मुंडक्कई क्षेत्र में सब कुछ नष्ट कर दिया और उन्हें बेघर कर दिया। वे इस तथ्य से जूझ रहे थे कि वे अपने कुछ प्रियजनों को कभी नहीं देख पाएंगे जो भूस्खलन में लापता हो गए हैं।
मोहनन ने कहा, "मैं अपने भाइयों की तलाश में हूं, उम्मीद है कि मुझे अपने प्रियजनों का कम से कम एक अंग तो मिल ही जाएगा। हमारे कई रिश्तेदार और दोस्त अब भी लापता हैं।"
मोहनन और अन्य जीवित बचे लोग शुक्रवार को संयुक्त खोज अभियान के लिए बचाव दल में शामिल हुए।
उन्होंने सरकारी अधिकारियों से अनुरोध किया कि वह चाहते हैं कि तलाशी अभियान उन जगहों पर चलाया जाए, जिन्हें वे अच्छी तरह जानते हैं। ये लोग, भाग्यशाली थे कि वे भूस्खलन के दौरान पत्थरों और पेड़ों के साथ मिश्रित कीचड़ के सैलाब से बच गए। उन्होंने लोगों को फंसते हुए, अपने प्रियजनों को कीचड़ में गायब होते हुए और यहां तक कि कुछ लोगों को पत्थरों के नीचे कुचलते हुए भी देखा है।
उसी इलाके के एक और जीवित बचे ससीन्द्रन ने कहा, "हम असहाय होकर अपने लोगों को मदद के लिए चिल्लाते और बहते हुए देखते रहे। हमारे पास उन तक पहुचने का कोई रास्ता नहीं था।"
उन्होंने बचावकर्मियों को वे जगहें दिखाईं, जहां उनके और उनके रिश्तेदारों के घर थे, जबकि अधिकारी घरों की जगह पर बचे हुए सिर्फ मिट्टी और पत्थरों के ढेर को देख रहे थे।
वहां कुछ चट्टानें इतनी बड़ी हैं कि एक ही चट्टान दो मंजिला इमारत को ध्वस्त कर सकती है।
एक और जीवित बचे व्यक्ति वासुदेवन ने कहा, "हम सभी यहां जाति, पंथ या धर्म के बारे में सोचे बिना एक-दूसरे से जुड़े समाज की तरह रहते थे। इसलिए आपदा में खोया हर व्यक्ति हमारे लिए बहुत प्यारा था।"
इस आपदा में अपने कई मित्रों को खो चुके रशीद ने कहा, "हम केवल यही आशा करते हैं कि हमें कुछ मिल जाए, जो भी हमारे प्रियजनों का बचा हुआ है।"
सरकार की शुरुआती योजना 190 जीवित बचे लोगों और मौजूदा खोज एवं बचाव एजेंसियों को शामिल करते हुए एक व्यापक तलाश अभियान चलाने की थी।
हालांकि सरकार ने संख्या कम करने का फैसला किया क्योंकि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घटनास्थल पर जाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के कारण खोज के लिए आवंटित समय पूर्वाह्न 11 बजे तक सीमित कर दिया गया।
केरल के पर्यटन एवं लोकनिर्माण मंत्री और वायनाड में बचाव एवं राहत प्रयासों का समन्वय कर रही चार सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति के सदस्य पी ए मुहम्मद रियास ने कहा कि रविवार को भी बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी रहेगा, जिसमें राहत शिविरों में रह रहे अधिक से अधिक लोग भी शामिल होंगे।
इस बीच, स्वयंसेवकों की एक टीम ने चालियार नदी के किनारे स्थित अत्यंत दुर्गम क्षेत्र सोचीपारा जलप्रपात से चार क्षत-विक्षत शव बरामद किए। इन शवों को सेना की हेलीकॉप्टर टीम की मदद से हवाई मार्ग से लाया जाएगा।
पहाड़ी जिले में 30 जुलाई को हुए भीषण भूस्खलन में 226 लोगों की मौत हो गई थी और 130 से अधिक लोग लापता हैं।
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