देहरादून, दो नवंबर उत्तराखंड में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले 10 साल से अधिक पुराने तिपहिया वाहनों के परिचालन पर जल्द रोक लगेगी। राज्य के परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा शहरी क्षेत्रों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए प्रदेश को जारी परामर्श के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ शहरी क्षेत्रों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एनजीटी ने विभाग और सरकार को परामर्श जारी किया है कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऐसे तिपहिया वाहन जिनकी उम्र 10 साल से ऊपर हो गयी है, उन्हें या तो सड़कों से हटाएं या सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलें।’’
मंत्री ने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में मंगलवार को हुई एक बैठक में तय किया गया कि देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश में 10 साल की उम्र पूरी कर चुके तिपहिया वाहनों को सड़क से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द इससे संबंधी निर्देश जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए 31 मार्च 2023 की समयसीमा रखी गयी है।
हालांकि, रामदास ने कहा कि इससे पहले प्रदेश में सीएनजी और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ानी होगी, इसके लिए विभाग काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जल्द ही 13 से 15 सीएनजी स्टेशन देहरादून में लग रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन प्रत्येक जिला मुख्यालय और शहरी क्षेत्रों में लगाए जाएंगे जबकि सौर ऊर्जा संचालित चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम हम शीघ्र करने जा रहे हैं।’’
उन्होंने उम्मीद जताई की प्रदेश को 'ग्रीन' बनाने के लिए सभी वाहन स्वामी सहयोग करेंगे।
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