अंकिता भंडारी की हत्या के बाद उत्तराखंड में आएगा बड़ा बदलाव, CM धामी ने किया राजस्व पुलिस को हटाने का फैसला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून, 12 अक्टूबर: उत्तराखंड सरकार ने सभी राजस्व पुलिस क्षेत्रों को नियमित पुलिस के तहत लाने का बुधवार को फैसला किया. सरकार ने एक रिसेप्शनिस्ट की हत्या के बाद राज्य में पुलिस व्यवस्था को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच यह फैसला किया है. प्रदेश के मुख्य सचिव एस. एस. संधू ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. अंकिता के परिजनों को मिलेगी 25 लाख रूपए की आर्थिक मदद, सीएम धामी का ऐलान.

अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद से ही राजस्व पुलिस की सीमित शक्तियां और हत्या जैसे गंभीर अपराधों के मामले में इसकी "प्रभावहीनता" विमर्श का विषय रही हैं. पौडी जिले के वनतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता की कथित रूप से रिजॉर्ट संचालक ने हत्या कर दी थी और उसका शव ऋषिकेश के निकट चीला नहर में 24 सितंबर को मिला था.

यह मामला राजस्व पुलिस से नियमित पुलिस को सौंपे जाने के बाद ही जांच में तेजी आई और तीन मुख्य आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया. मुख्य सचिव संधू ने बताया कि पहले चरण में पर्यटन गतिविधियों वाले क्षेत्रों में छह अतिरिक्त थाने और 20 नयी पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी.

इसके अलावा, एक अन्य अहम फैसले में कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को सरकारी नौकरियों में स्थानीय (डोमिसाइल) महिलाओं को आरक्षण के संबंध में अध्यादेश लाने के लिए अधिकृत किया. कैबिनेट ने सहायक उप निरीक्षक के पद पर हेड कांस्टेबल को प्रोन्नत करने के लिए नियमावली को भी मंजूरी दी जिसके तहत 1,750 कांस्टेबल को पदोन्नत किया जाएगा. इसने केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ में पुराने आवासीय ढांचे को गिराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी.

कैबिनेट ने सार्वजनिक रूप से गंदगी फैलाने और थूकने पर लगने वाली सजा को कम करने का निर्णय लिया और इस संबंध में छह महीने की कैद का प्रावधान समाप्त कर दिया लेकिन 5,000 रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)