वाशिंगटन: संवाद समिति एपी को मिले दस्तावेजों (मेमो) से यह जानकारी सामने आई है. तीन फरवरी के इस दस्तावेज में उन युक्तियों का ब्योरा नहीं दिया गया है जिनका प्रयोग अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार रूस इस साल के चुनाव में हस्तक्षेप के लिए कर सकता है. इनमें प्रत्याशियों और चुनाव अभियान को गोपनीय सलाह देना भी शामिल है. इसमें कहा गया कि अधिकारियों ने, “अमेरिका के खिलाफ रूस के इस प्रयास पर पहले गौर नहीं किया” लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के करीबी एक शक्तिशाली कारोबारी के लिए काम करने वाले राजनीतिक रणनीतिकार कई अफ्रीकी देशों में राजनीतिक प्रचार अभियान में शामिल रहे हैं.
ज्ञापन में रेखांकित किया गया है कि कैसे ट्रंप प्रशासन के अधिकारी अमेरिकी चुनाव में रूस की ओर से भविष्य में किए जाने वाले हस्तक्षेप को लेकर लगातार आगाह करते रहे हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2016 में डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन पर मिली अपनी जीत में क्रेमलिन की संलिप्तता से इनकार करते रहे हैं. चूंकि यह मेमो कोरोना वायरस प्रकोप से पहले तैयार किया गया था इसलिए इसमें उन बातों का जिक्र नहीं है कि वैश्विक महामारी उन युक्तियों को कैसे प्रभावित कर सकती है जिनका प्रयोग रूस चुनाव में हस्तक्षेप के लिए कर सकता है. यह भी पढ़ें: US Presidential Election 2020: डोनाल्ड ट्रंप ने किया टाउनहॉल, अर्थव्यवस्था को खोलने पर दिया जोर
गृह सुरक्षा मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने सोमवार को इसपर तत्काल टिप्पणी नहीं की और एफबीआई की प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से ही इनकार कर दिया. “2020 के अमेरिकी चुनाव से पहले रूस की संभावित युक्तियां” शीर्षक वाले इस दस्तावेज में किसी विशेष प्रत्याशी या अभियान का जिक्र नहीं है जिसको रूस मदद देने की कोशिश कर सकता है.