देश की खबरें | उपहार अग्निकांड : दिल्ली की अदालत का अंसल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार, एवीयूटी को नोटिस

नयी दिल्ली, 10 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल को सात साल की जेल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सरकार और उपहार त्रासदी पीड़ित संघ (एवीयूटी) से जवाब मांगा। उपहार अग्निकांड में 59 लोगों की जान चली गई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने मजिस्ट्रेट अदालत के सोमवार के फैसले को चुनौती देने वाली अंसल बंधुओं की याचिका पर नोटिस जारी किये। मजिस्ट्रेट की अदालत ने अंसल बंधुओं को साक्ष्यों के साथ छेड़छाड करने का दोषी ठहराते हुए उन्हें सात सात साल की कैद और सवा दो करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। गोपाल अंसल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी के दुबे ने कहा कि उनके मुवक्किल कुछ बीमारियों से ग्रसित हैं, इसके बाद न्यायाधीश ने तिहाड़ जेल के चिकित्सा अधीक्षक से भी रिपोर्ट मांगी।

सुनवाई के दौरान आरोपी ने मामले में एवीयूटी के रुख पर आपत्ति जताई। एवीयूटी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा द्वारा दुबे की दलील का विरोध करने पर सत्र अदालत ने आरोपी को अपील की प्रति इस संगठन को भी देने का निर्देश दिया। यहां की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सोमवार को अंसल पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

अदालत ने अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी सात-सात साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

यह मामला उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने से संबंधित है जिसमें अंसल को दोषी ठहराया गया था और उच्चतम न्यायालय ने उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी।

शीर्ष अदालत ने हालांकि जेल में बिताई गई उनकी सजा की अवधि को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस शर्त पर रिहा कर दिया कि वे 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करेंगे, जिसका इस्तेमाल राष्ट्रीय राजधानी में एक ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में किया जाएगा।

उपहार सिनेमा में 13 जून, 1997 को फिल्म ‘बॉर्डर’ के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी।

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