नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा तक सभी बच्चों की समान पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्यों को नये स्कूलों की स्थापना और वर्तमान विद्यालयों के उन्नयन कार्य में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित ‘स्कूल मैपिंग’ करने का सुझाव दिया है।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्रालय ने संशोधित समग्र शिक्षा योजना का राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रभावी ढंग से अनुपालन करने के लिये ‘योजना को लागू करने का अद्यतन ढांचा’ तैयार किया है।
बच्चों की समान पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए योजना के अद्यतन अनुपालन ढांचे में सुझाव दिया गया है कि नये स्कूलों की स्थापना और वर्तमान विद्यालयों के उन्नयन कार्य में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित ‘स्कूल मैपिंग’ की जाए। यह मैपिंग शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में वर्णित मानदंडों पर आधारित होनी चाहिए ।
दस्तावेज में कहा गया है कि जीएसआई आधारित स्कूल मैपिंग करने का बुनियादी उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बस्तियों/गांवों की स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों तक स्वीकार्य गुणवत्ता मानदंडों के तहत पहुंच हो तथा संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके ।
नये स्कूल स्थापित करने एवं वर्तमान स्कूलों का उन्नयन करने के प्रस्तावों का समुदायिक भागीदारी आधारित स्कूल मैपिंग के जरिये पुष्टि करना जरूरी होगा।
इसमें कहा गया है कि जीआईएस स्कूल मैपिंग से स्थान के बारे में सूचना आधारित योजना तैयार करने एवं स्कूलों के उन्नयन में मदद मिलेगी, साथ ही कई तरह के स्कूली शिक्षा से जुड़े आंकड़े एकत्र किये जा सकेंगे ।
इसमें ऐसी बस्तियों की संख्या एवं नामों का पता चलेगा जहां मानदंडों पर आधारित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक स्कूल हैं । इसके अलावा असेवित बस्तियों/गांव में नये स्कूल के लिये स्थान संबंधी वैकल्पिक विकल्प का पता भी चल सकेगा। साथ ही स्कूल आधारभूत ढांचा में अंतर, स्कूलों में सुविधा एवं शिक्षकों की तैनाती के बारे में भी जानकारी मिलेगी ।
मंत्रालय में संयुक्त सचिव विपिन कुमार ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों, राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों एवं अन्य विभागों को इस बारे में पिछले सप्ताह पत्र लिखकर उम्मीद जतायी कि यह ढांचा समग्र शिक्षा योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में उनका मार्गदर्शन करेगा।
इस ढांचे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सभी बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच, समावेशी कक्षा माहौल, बहुभाषी जरूरतों, विभिन्न अकादमिक क्षमताओं, पठन-पाठन प्रक्रियाओं आदि को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश एवं उठाये जाने वाले कदम सुझाए गए हैं ।
दस्तावेज के अनुसार, समग्र शिक्षा योजना में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पहुंच, समानता, गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही सहित 86 सिफारिशों को शामिल किया गया है।
दीपक
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)