मुंबई, दो जून फरवरी और मार्च के महीने में बेमौसम बारिश के अलावा प्रतिकूल मौसम स्थिति के साथ साथ कोरोना वायरस की वजह से डाउनडाउन के दौरान फसलों की कटाई के लिए मजदूरों की कमी के कारण अनाज, दालें और तिलहन जैसे रबी फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन (एनबीएचसी) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष के मुकाबले वर्ष 2019-20 में अनाज, दलहन और तिलहन के उत्पादन में क्रमशः 1.95 प्रतिशत, 2.22 प्रतिशत और 13.48 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।
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भारत में मार्च में गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में तथा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अप्रैल के महीने में रबी की कटाई शुरू होती है।
इसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से लॉकडाऊन किये जाने की घोषणा चालू रबी फसल कटाई के मौसम के बीच में की गई। उन्होंने कहा कि हालांकि खेती के कामकाज को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया था, लेकिन मजदूरों की कमी और परिवहन सुविधाओं की कमी की वजह से रबी की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले अनुमान से गेहूं के उत्पादन में 3.12 प्रतिशत की और गिरावट आने की संभावना है क्योंकि कटाई में देर होने से पैदावार घटा है और इसके आगे खरीद में देर होने से फसल के बेमौसम होने वाली बरसात से खतरा हो सकता है। लेकिन फिर भी पिछले साल की तुलना में 5.61 प्रतिशत अधिक उत्पादन होगा जिसका मुख्य कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बढ़ाये जाने के साथ अक्टूबर में मानसून की अतिरिक्त बरसात एवं मानसून के बाद की बारिश के कारण मिट्टी में नमी स्तर का बढ़ना है।
हालांकि, तेलंगाना में अधिक पैदावार की खबरों के बीच चावल का उत्पादन, पिछले अनुमान के मुकाबले 3.17 प्रतिशत की मामूली वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन यह पिछले साल के मुकाबले फिर भी 25.67 प्रतिशत कम होगा।
मक्का उत्पादन में 0.99 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
ज्वार के उत्पादन में पिछले वर्ष के मुकाबले 23.57 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
दालहनों के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 2.22 प्रतिशत का अरनुमाना है।इसका मुख्य कारण चने के उत्पादन में 10.85 प्रतिशत की गिरावट आना होगा। चना कुल रबी दलहनों का लगभग 70 प्रतिशत होता है।
उड़द, मसूर और मटर उत्पादन में भी क्रमश: दो प्रतिशत, 2.17 प्रतिशत और पांच प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।
कुल तिलहनों का उत्पादन 95 लाख टन होने का अनुमान है। सरसों या रेपसीड बीज और मूंगफली के उत्पादन में गिरावट से पिछले साल के मुकाबले कुल तिलहन उत्पादन में 13.48 प्रतिशत की कमी होगी।
पिछले अनुमान के अनुसार, सरसों और मूंगफली के उत्पादन में सात प्रतिशत और पांच प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।
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