संयुक्त राष्ट्र, 28 अप्रैल संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों से जूझ रहे भारत को संयुक्त राष्ट्र ने अपने एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला के जरिये यथा संभव मदद की पेशकश की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी भारत के हालात को लेकर भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।
हक ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम विभिन्न स्तर पर संपर्क में हैं। मुझे जानकारी है कि हमारे चीफ डि कैबिनेट ने हाल में यहां भारत के स्थायी प्रतिनिधि से संपर्क किया था। हमारी प्रणाली के अधिकारी भी यहां न्यूयॉर्क और जमीन पर संपर्क में हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र महासिच के चीफ डि कैबिनेट मारिया लुयेजा रिबेरो वियोट्टी भारत में कोविड-19 के हालात को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति के संपर्क में हैं।
हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा की जाने वाली मददों में ‘ हमने जरूरत पड़ने पर अपने एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला से सहायता की पेशकश की है। हमें बताया गया कि इस समय इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि भारत ने तार्किक रूप से अपनी प्रणाली को स्थिति से निपटने के लिए मजबूत किया है लेकिन हम अपनी पेशकश पर कायम हैं और हम जो भी मदद कर सकते हैं वह करने को इच्छुक हैं।’’
हक ने इसके साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित कर रहा है कि भारत में उसके अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कर्मी सुरक्षित रहें ताकि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ नहीं बढ़े।
उन्होंने कहा, ‘‘सौभाग्य से हमारे कर्मियों में (संक्रमण के) बहुत कम मामले आए हैं। ऐसे में हमारा मानना है कि हम अपनी कोशिश में सफल हुए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं हम स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव नहीं बढ़ाएं जो पहले ही चुनौती का सामना कर रही है।’’
संयुक्त राष्ट्र द्वारा आवश्यक सामग्री भेजने की संभावना के बारे में पूछने पर हक ने कहा, ‘‘अब तक इसकी मांग नहीं की गई है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं हमारे पास लोग हैं जिनमें हमारे अपने लोग शामिल है- जो परिचालन एवं रणनीतिक मामलों से निपट सकते हैं और मदद को इच्छुक हैं। अगर जरूरत हुई तो हम भारत में अपने समकक्ष के संपर्क में हैं ताकि देखें कि यह लाभदायक है या नहीं।’’
इससे पहले मंगलवार को दैनिक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हक ने कहा था कि भारत, संयुक्त राष्ट्र के सहकर्मी जमीन पर अधिकारियों और समुदायों को महामारी से निपटने में मदद कर रहे हैं।
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