इंदौर (मध्यप्रदेश), 29 नवंबर यूरेशियन समूह (ईएजी) के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि संगठन ने पर्यवेक्षक के दर्जे के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अनुरोध को हरी झंडी दे दी है।
भारत ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि पश्चिम एशिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार यूएई के ईएजी में शामिल होने से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) से जुड़े दो क्षेत्रीय संगठनों में आपसी सहयोग बढ़ेगा।
ईएजी की 41वीं पूर्ण बैठक के समापन के बाद संगठन के अध्यक्ष यूरी चिखानचिन ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा,"यूएई ने पर्यवेक्षक के दर्जे के लिए हमसे आधिकारिक तौर पर अनुरोध किया था। इस देश के प्रतिनिधि दो साल से हमारे कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं। हमने इन कार्यक्रमों में उन्हें सक्रियता से भाग लेते देखा है।’’
उन्होंने कहा कि पूर्ण बैठक में यूएई को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान करने का फैसला किया गया है। चिखानचिन ने कहा कि ईएजी की चर्चाओं में यूएई भी भाग लेगा, लेकिन इस देश को संगठन में मतदान का अधिकार नहीं होगा।
एफएटीएफ ने धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के उपायों को लागू करने के भारत के प्रयासों के आकलन के बाद देश को ‘नियमित फॉलो-अप’ की श्रेणी में रखा है। यह इस स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय की दी जाने वाली सबसे ऊंची ‘रेटिंग’ है।
ईएजी की पूर्ण बैठक के दौरान भारत की इस रिपोर्ट की समीक्षा की गई और उसे मंजूरी भी प्रदान की गई।
ईएजी अध्यक्ष चिखानचिन ने कहा कि इस रिपोर्ट में भारत को सबसे ऊंची रेटिंग मिलने से देश में निवेश को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षण बढ़ेगा।
ईएजी की पूर्ण बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के तौर पर हिस्सा लेने वाले विवेक अग्रवाल ने इस संगठन में पर्यवेक्षक के तौर पर यूएई को शामिल किए जाने को बेहद महत्वपूर्ण फैसला करार दिया। अग्रवाल, वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव और देश के वित्तीय आसूचना एकक (एफआईयू) के निदेशक हैं।
उन्होंने कहा,‘‘यूएई फिलहाल ‘मिडिल ईस्ट एंड नॉर्थ अफ्रीका फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एमईएनएएफएटीएफ) का प्रमुख सदस्य है और आने वाले दिनों में उसे इस संगठन की अध्यक्षता मिल सकती है। लिहाजा यूएई के ईएजी में बतौर पर्यवेक्षक शामिल होने से ईएजी और एमईएनएएफएटीएफ में आपसी सहयोग बढ़ेगा।’’
अग्रवाल ने बताया कि ईएजी की पूर्ण बैठक में ईरान को संगठन की ओर से तकनीकी सहायता देने का फैसला भी किया गया ताकि वह मानकों का पालन करके एफएटीएफ की काली सूची से बाहर निकल सके।
उन्होंने बताया,‘‘ईरान ने एफएटीएफ के मानकों के पालन के लिए ईएजी से तकनीकी मदद मांगी थी।’’
ईएजी के सदस्यों में भारत के साथ बेलारूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इस संगठन में इटली, अमेरिका, जापान, जर्मनी और फ्रांस समेत 16 देशों को पहले से पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल है जिनमें अब यूएई भी शामिल हो गया है।
ईएजी की 42वीं पूर्ण बैठक रूस की राजधानी मॉस्को में अगले साल 26 से 30 मई के बीच होगी।
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