Udupi Toilet Video Case: कांग्रेस के मंत्री जी परमेश्वर का बयान, कहा- छोटी घटना को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा
उडुपी शौचालय वीडियो मामला (File Photo)

बेंगलुरु: कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने उडुपी के एक कॉलेज के शौचालय में एक छात्रा का वीडियो साथी छात्राओं द्वारा बनाए जाने को ''एक छोटी घटना करार दिया, जिसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.’’ परमेश्वर के अनुसार, ऐसा पहले भी हुआ है लेकिन ''तब किसी ने राजनीति नहीं की'' लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ''ओछी राजनीति'' में लिप्त हो रही है.

मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में सवाल किया, ‘‘यह एक छोटी सी घटना है. खबरों के अनुसार यह दोस्तों के बीच हुआ. क्या इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाना चाहिए और राजनीतिक रंग दिया जाना चाहिए.’’ HC On Divorce: बच्चे को जन्म न दे पाना शादी खत्म करने का आधार नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की तलाक की याचिका

वह उस घटना पर प्रतिक्रिया जता रहे थे जिसमें गत बुधवार को उडुपी स्थित एक पैरामेडिकल कॉलेज की तीन छात्राओं ने अपनी साथी छात्रा का शौचालय में कथित तौर पर वीडियो बनाया. पुलिस ने तीनों छात्राओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. घटना के अगले ही दिन आरोपी लड़कियों को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया.

मंत्री ने कहा कि यदि इससे आगे कोई आपराधिक गतिविधि हुई है और शिकायत दी गई है तो यह पुलिस विभाग के अधिकार क्षेत्र में आएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ‘‘न तो कोई शिकायत दी गई है और न ही कुछ और है.’’

परमेश्वर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इन "छोटे मुद्दों" को केवल राजनीतिक कारणों से तूल देना बंद करना चाहिए. परमेश्वर ने कहा कि उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि समाज में शांति बनी रहे.

परमेश्वर ने कहा, ‘‘क्या ये चीज़ें अतीत में नहीं होती थीं? क्या ये चीजें अतीत में कॉलेज और विश्वविद्यालयों में नहीं होती थीं? तब किसी ने राजनीति नहीं की, अब क्यों कर रहे हैं? और भी कई काम हैं लेकिन वे (भाजपा) उन पर कभी नहीं बोलते. उन्होंने सूखे, बाढ़ के बारे में कुछ नहीं कहा. भाजपा ओछी राजनीति कर रही है. उनके पास दूसरे काम होने चाहिए. अब ऐसा लगता है कि उनके पास कोई और काम नहीं है.’’

पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने "इसे हल्के में लेने" के लिए राज्य के गृहमंत्री की आलोचना की. बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर वह छोटा मामला था, तो प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई और आरोपी लड़कियों के स्वीकारोक्ति पत्र का क्या हुआ? उन लड़कियों को क्यों निलंबित किया गया? उन्हें (परमेश्वर को) इन सवालों का जवाब देना चाहिए.’’

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि यदि छात्रा ने ट्वीट नहीं किया होता तो किसी को इसकी जानकारी नहीं होती. उन्होंने कहा, ‘‘आप (सरकार) कितने मामलों पर पर्दा डालेंगे? इन वीडियो से कितनी लड़कियों की इज्जत दांव पर लगी होगी? ऐसी ताकतों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. पुलिस को बिना किसी दबाव के स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए.’’

बोम्मई ने मांग की, ‘‘मामले में दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए.''उन्होंने कहा कि शौचालय में लड़कियों का वीडियो बनाना एक ‘‘जघन्य और निंदनीय कृत्य’’ है. बोम्मई ने दावा किया कि हालांकि, जो लड़की इस घटना को सामने लायी, पुलिस उसके अतीत की जांच करने के लिए उसके घर जा रही है, इससे पता चलता है कि वे किस मजबूरी के तहत काम कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस कानून के मुताबिक काम नहीं कर रही है और यह स्पष्ट हो रहा है कि वे सत्ता में मौजूद लोगों के दबाव के आगे झुक रहे हैं.

बोम्मई ने कहा, ‘‘पुलिस को फोन जब्त करना चाहिए और वीडियो बरामद करना चाहिए. क्या कॉलेज प्रशासन बिना वजह लड़कियों को निलंबित करेगा? लड़कियों ने कबूलनामा क्यों दिया? पुलिस ऐसे बयान देती है जैसे कॉलेज में कुछ हुआ ही नहीं. स्वीकार करने वाला पत्र ही उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त है.’’

बोम्मई ने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस लड़की के घर गई और उसने बयान दिया कि उसने कोई शिकायत नहीं दी है. यदि यह एक पैमाना बन जाता है, तो 'कुछ ताकतों' को यह विश्वास हो जाएगा कि यहां कुछ भी किया जा सकता है तथा वे सभी प्रकार की अवैधता और हिंसा का सहारा लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे। पुलिस लोगों के बीच अपना विश्वास खो देगी.’’

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