सनातन धर्म पर टिप्पणी कर उदयनिधि स्टालिन लोगों का ध्यान भटका रहे: अन्नाद्रमुक
Udhayanidhi Stalin | Photo: ANI

कोयंबटूर (तमिलनाडु), 05 सितंबर:  ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव ईके पलानीस्वामी ने मंगलवार को कहा कि सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए है और उन्होंने सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर ‘अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए नाटक करने’ का आरोप लगाया.

इस बीच युवा मंत्री ने एक ‘संत’ द्वारा उनके सिर पर इनाम रखे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पलानीस्वामी ने कहा कि जब भी द्रमुक अपनी विफलताओं के चलते लोगों के निशाने पर होती है तो वह ध्यान भटकाने के लिए ऐसा ही करती है. उदयनिधि की इस टिप्पणी को लोगों का ध्यान भटकाने के तौर पर देखा जा सकता है ताकि बिगड़ती कानून-व्यवस्था, विशेष रूप से बढ़ते अपराध, महंगाई और अन्य मुद्दों पर जवाब देने से बचा जा सके.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ की शनिवार को चेन्नई में हुई एक बैठक को संबोधित करते हुए ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू के बुखार से की थी और कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन्हें नष्ट कर देना चाहिए. इसके बाद अयोध्या तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी महंत परमहंस दास ने उदयनिधि स्टालिन का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इसके बाद बाद द्रमुक कार्यकर्ताओं ने अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए वेल्लोर में संत का पुतला जलाया.

थूथुकुडी जिले में आज उदयनिधि ने संत के बयान पर प्रक्रिया देते हुए कहा कि 10 करोड़ रुपये की घोषणा एक बड़ी राशि है। उन्होंने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा, ‘‘मेरे बालों को संवारने के लिए 10 रुपये की कीमत वाली कंघी ही काफी है.’’ उन्होंने कहा, “अमित शाह (गृह मंत्री) से लेकर (भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष) जेपी नड्डा तक, हर कोई उदयनिधि के बारे में बात कर रहा है। मेरे खिलाफ पूरे भारत में मुकदमा दायर किए जा रहे हैं और अब एक संत ने मेरे ऊपर इनाम रख दिया है.’’ पलानीस्वामी ने कोयंबटूर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक विडंबना है कि राष्ट्रपति चुनाव में वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ मतदान करने वाली द्रमुक सामाजिक न्याय की बात कर रही है। अब वह सनातन धर्म के विरुद्ध है.’’

अन्नाद्रमुक के बारे में पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी जाति और धर्म से परे है. पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने पूछा, ‘‘एम करुणानिधि (पूर्व मुख्यमंत्री) के पोते और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे होने के नाते उदयनिधि खुद की छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या यह उनकी उपलब्धि है?’’ चेन्नई में अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री डी. जयकुमार ने आश्चर्य जताया कि क्या उदयनिधि सनातन धर्म पर अपनी ‘घृणित’ टिप्पणियों के लिए पद पर बने रहने के योग्य हैं. सनातन धर्म की तुलना हिन्दू धर्म से करते हुए जयकुमार ने कहा कि एक विशिष्ट धर्म को निशाना बनाना संविधान के खिलाफ है.

संत द्वारा उदयनिधि पर इनाम और उसके बाद संत का पुतला जलाने के बारे में किए गए सवाल पर जयकुमार ने कहा, ‘‘हिंसा कभी भी समाधान नहीं हो सकती.’’ उदयनिधि के ‘कंघी’ वाले बयान पर जयकुमार ने उनके पूर्व में अभिनय के क्षेत्र में काम करने की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह (उदयनिधि) ‘‘हमेशा साबुन, कंघी और दर्पण के बारे में सोचते रहते हैं.’’

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