विदेश की खबरें | चंद्रमा की यात्रा पर निकले दो निजी चंद्र यान
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

दोनों चंद्रयानों को नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के कैनेडी स्पेस सेंटर से मध्यरात्रि में रॉकेट से रवाना किया गया, जो चंद्रमा पर जाने वाले निजी अंतरिक्ष यान की श्रृंखला में ऐसे नए यान हैं।

तोक्यो स्थित ‘आईस्पेस’ का यह दूसरा प्रयास है, जिसका पहला यान दो साल पहले चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

इस बार, अध्ययन के लिए यान में चंद्रमा की मिट्टी को इकट्ठा करने के वास्ते एक ‘स्कूप’ के साथ एक रोवर है तथा भविष्य के अनुसंधानकर्ताओं के लिए संभावित भोजन एवं पानी के स्रोतों का परीक्षण करने की योजना है।

चंद्रमा पर अनुसंधान के लिए नवोदित टेक्सास स्थित ‘फायरफ्लाई एयरोस्पेस’ नासा के लिए 10 प्रयोग कर रहा है।

फायरफ्लाई का नाम अमेरिका के दक्षिणपूर्वी फायरफ्लाइज की एक प्रजाति के नाम पर रखा गया है, उसका यान ‘ब्लू घोस्ट’ सबसे पहले चांद पर पहुंचेगा।

‘आईस्पेस’ के यान का नाम ‘रेजिलिएंस’ है जो ‘फायरफ्लाई’ के यान से थोड़ा बड़ा है। ‘रेजिलिएंस’ को चांद पर पहुंचने में चार से पांच महीने लगेंगे और उसका लक्ष्य मई के अंत या जून की शुरुआत में चांद के नजदीकी हिस्से में और भी सुदूरवर्ती उत्तर में स्थित ‘मारे फ्रिगोरिस’ में उतरना है।

‘आईस्पेस’ के संस्थापक सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) ताकेशी हाकामाडा ने इस सप्ताह केप कैनावेरल से कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि यह कोई आगे निकलने की होड़ है। कुछ लोग कहते हैं कि चांद पर पहुंचने की होड़ मची है, लेकिन यह उस बारे में नहीं है।’’

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