इससे पहले, ट्रंप ने इस मामले में एक संघीय अदालत से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था, ताकि उनकी दोषसिद्धि को पलटा जा सके और अगले महीने निर्धारित सजा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का रास्ता खोजा जा सके. ट्रंप के वकीलों ने मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश जुआन एम मर्चेन से 18 सितंबर के लिए निर्धारित ट्रंप को सजा सुनाने की तारीख को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का आग्रह किया, जबकि मैनहट्टन स्थित अमेरिकी जिला अदालत ने बृहस्पतिवार देर रात उनके इस अनुरोध पर विचार किया कि वह इस मामले को राज्य अदालत से अपने पास स्थानांतरित कर ले.
पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों ने मैनहट्टन स्थित अमेरिकी जिला अदालत से न्यूयॉर्क शहर के इस आपराधिक मामले को अपने नियंत्रण में लेने का अनुरोध करते हुए दलील दी थी कि राज्य स्तरीय अभियोजन ने ट्रंप के संवैधानिक अधिकारों और राष्ट्रपति को मुकदमों से मिलने वाली छूट पर अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले का उल्लंघन किया है. मैनहट्टन की एक अदालत ने अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को गुप्त तरीके से धन देने के मामले में ट्रंप को रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के 34 आरोपों के तहत मई में दोषी पाया था. एक संघीय न्यायाधीश ने मामले को संघीय अदालत में स्थानांतरित करने के ट्रंप के प्रयास को पिछले वर्ष खारिज कर दिया था, जिससे राज्य की अदालत में ट्रंप के खिलाफ ऐतिहासिक मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया था. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान की आईएसआई की आतंकवादियों के साथ मिलीभगत : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
ट्रंप के वकीलों ने बृहस्पतिवार को दाखिल याचिका में कहा था कि 30 मई को दोषी ठहराए जाने के बाद मामले को संघीय अदालत में ले जाने से उन्हें इन आरोपों का विरोध करने के लिए ‘‘स्थानीय शत्रुता से मुक्त, निष्पक्ष मंच’’ मिलेगा. ट्रंप के वकीलों ने कहा था कि अगर मामला संघीय अदालत में ले जाया जाता है, तो वे फैसले को पलटने और मामले को खारिज करने का अनुरोध करेंगे. इस बीच, उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग के दायरे को सीमित करने का आदेश सुनाए जाने के मद्देनजर ट्रंप के वकील संघीय चुनाव में गड़बड़ी के मामले को खारिज करने के लिए भी न्यायाधीश से आग्रह करने की योजना बना रहे हैं.
अमेरिका की संघीय सरकार ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद अमेरिकी संसद परिसर ‘कैपिटल हिल’ में हुए दंगों के संबंध में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ शुक्रवार को नये सिरे से अभियोग दायर कर उन पर लगाए गए आरोपों को सीमित कर दिया. दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपतियों को अभियोग से छूट होने के संबंध में हाल में एक फैसला सुनाया था, जिसके बाद नये सिरे से अभियोग दायर किया गया है और पुराने अभियोग के उस भाग को हटा दिया गया है, जिसमें चुनाव में हुई हार को पलटने के लिए विधि मंत्रालय की कानून प्रवर्तन शक्तियों का प्रयोग करने के प्रयास का ट्रंप पर आरोप लगाया गया था. उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने तीन के मुकाबले छह के बहुमत से फैसला सुनाया था कि इस संबंध में आरोपों से ट्रंप को पूरी तरह छूट प्राप्त है.