तिरुवनंतपुरम, चार अक्टूबर केरल विधानसभा में, वायनाड जिले के मेप्पडी में 30 जुलाई को हुए विनाशकारी भूस्खलन के पीड़ितों को शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी गई जिसके कारण 230 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी जबकि कई लोग लापता हो गए।
नौ दिवसीय विधानसभा सत्र के उद्घाटन के दिन आपदा का विशेष उल्लेख करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर ने कहा कि सदन उन लोगों के परिवारों और प्रियजनों के गहरे दुख में शामिल है, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है।
शमसीर ने कहा, ‘‘हम उन सभी भाइयों और बहनों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं, जिन्हें इस प्राकृतिक आपदा ने हमसे छीन लिया, जिसने हमारे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।’’
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वायनाड जिले के मेप्पडी पंचायत के मुंडक्कई-चूरलमाला क्षेत्र में हुए भूस्खलन को ‘अभूतपूर्व आपदा’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह आपदा देश में अब तक हुए सबसे बड़े भूस्खलनों में से एक है।’’
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित एक वैज्ञानिक पेपर का हवाला देते हुए कहा कि अनुमान है कि मलबा 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहकर आया। इस मलबे के अंबार की ऊंचाई करीब 32 मीटर थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण स्थानीय स्तर पर हुई अधिक बारिश के चलते यह भूस्खलन हुआ।
उन्होंने कहा कि इस आपदा में पुंचिरीमट्टम, मुंडक्कई, चूरलमाला और अट्टमाला के इलाके सीधे तौर पर प्रभावित हुए और 231 लोगों की जान चली गई तथा 47 लोगों के लापता होने की जानकारी है।
कुल 145 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, जबकि 170 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। 240 घर रहने लायक नहीं रह गए हैं और 183 घर बह गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुकानों, आजीविका के साधनों, वाहनों, कृषि और पशुधन सहित मेप्पडी में कुल नुकसान कम से कम 1,200 करोड़ रुपये का है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में मेप्पडी में आपदा से बचे 794 परिवार किराये के घरों में रह रहे हैं।
विजयन ने कहा कि ‘वैश्विक तापमान’ और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण केरल गंभीर प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रहा है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीसन ने कहा कि वायनाड में आई आपदा ने जो दर्द दिया है वह हर व्यक्ति के मन में आजीवन रहेगा। सतीसन ने भरोसा दिलाया कि विपक्ष पुनर्वास के प्रयास में सरकार को पूरा सहयोग देगा। उन्होंने अनुरोध किया कि पुनर्वास के प्रयासों में तेजी लाई जाए।
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार की तरफ से अब तक पर्याप्त सहायता नहीं मिलने का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बावजूद यह स्थिति है।
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