नयी दिल्ली, 15 सितंबर दूरसंचार नियामक ट्राई का ओटीटी संचार सेवाओं के नियमन नहीं करने का निर्णय ग्राहकों के हित में और आगे की सोच रखने वाला है। ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने मंगलवार को इसका स्वागत करते हुए इसे क्षेत्र की प्रगति में मदद करने वाला बताया।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने तत्काल आधार पर व्हाट्सएप, गूगल डुओ, मैसेंजर और वाइबर जैसे ओवर द टॉप (ओटीटी) सेवाओं का नियमन करने की संभावनाओं को खारिज किया है।
ओटीटी मंच इंटरनेट का उपयोग कर कॉलिंग, मेसेजिंग, वीडियो कॉलिंग और मनोरंजन सामग्री उपलब्ध कराते हैं। लंबे समय से दूरसंचार कंपनियां इनके नियमन की मांग करती रही हैं।
ट्राई ने कहा कि यह ओटीटी मंच के समग्र नियामकीय व्यवस्था की अनुशंसा करने का सही वक्त नहीं है। इससे दूरसंचार कंपनियों को बड़ा झटका ल्रगा है।
यह भी पढ़े | 7th Pay Commission: इन सरकारी कर्मचारियों को मिली बड़ी सौगात, सैलरी में होगी 44% तक की बढ़ोतरी.
ट्राई के इस निर्णय को बीआईएफ ने एक बयान में आर्थिक विकास और ग्राहकों के हित में ‘साहसिक और प्रगतिशील’ बताया है। उसने कहा कि ‘इस क्षेत्र का नियमन नहीं करने को लेकर ट्राई ने भविष्योन्मुखी सोच को अपनाया है, क्योंकि इन सेवाओं से बाजार को नुकसान पहुंचने का कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं दिखता है।’’
बीआईएफ ने कहा कि इस तरह की सेवाओं की क्षमता और प्रभाव लॉकडाउन और कोविड-19 संकट के दौरान दिखा है। इसने लोगों के बीच कनेक्टिविटी को बनाए रखने और परिचालनों को लगभग सामान्य बनाए रखने में मदद मिली है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)