जरुरी जानकारी | टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भारतीय बाजार को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

नयी दिल्ली, 17 सितंबर टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने गुरुवार को कहा कि वह भारतीय बाजार और उसके राष्ट्रीय उद्देश्यों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कंपनी ने एक बार फिर अपने एक वरिष्ठ अधिकारी के इस दावे का खंडन किया कि टोयोटा अत्यधिक करों के चलते भारत में अपने विस्तार को रोक देगी।

इनोवा और फॉर्च्यूनर जैसे मॉडलों की बिक्री करने वाली ऑटो निर्माता ने कहा कि उसे भारत की आर्थिक विकास क्षमता में पूरा विश्वास है और वह इस दिशा में योगदान देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

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टीकेएम के प्रबंध निदेशक मासाकाजू योशिमुरा ने एक बयान में कहा कि ‘भारत की वृद्धि, भारत के साथ वृद्धि’ के अपने दृष्टिकोण के तहत देश में अपनी उपस्थिति के पिछले दो दशक के दौरान कंपनी ने ‘स्किल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के अनुरूप विश्वस्तरीय प्रतिभाएं तैयार करने के लिए निवेश किया है और स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के विकास के लिए अथक परिश्रम किया है।

उन्होंने कहा कि भारत में कंपनी का संचालन उसकी दीर्घकालिक वैश्विक रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा है।

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योशिमुरा ने कहा, ‘‘इन प्रयासों के तहत टोयोटा समूह घरेलू और निर्यात बाजार, दोनों के लिए आने वाले वर्षों में भारत में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी बाजार में नई, पर्यावरण के अनुकूल और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी तथा सेवाओं को बढ़ावा देने का इरादा रखती है।

टीकेएम जापान की टोयोटा मोटर कंपनी और किर्लोस्कर समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

इससे पहले टीकेएम के वाइस चेयरमैन और पूर्णकालिक निदेशक शेखर विश्वनाथन शेखर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि कंपनी भारत में अपना विस्तार रोक देगी। उन्होंने यह कहते हुए भविष्य के निवेश को भी खारिज कर दिया था कि भारत में कारों और मोटरबाइक पर कर इतने अधिक हैं कि कंपनी के लिए आगे बढ़ना काफी मुश्किल है।

इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करके कहा, ‘‘टोयोटा कंपनी भारत में निवेश रोक रही है, यह खबर गलत है। विक्रम किर्लोस्कर ने स्पष्ट किया है कि टोयोटा अगले 12 माह में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी।’’

जावड़ेकर के कथन की पुष्टि करते हुये किर्लोस्कर ने भी ट्वीट किया, ‘‘बिल्कुल, हम घरेलू ग्राहकों और निर्यात के लिये इलेक्ट्रिक कलपुर्जो और प्रौद्योगिकी में 2,000 करोड़ से अधिक निवेश कर रहे हैं। हम भारत के भविष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं और समाज, पयार्वरण, कौशल एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हर संभव प्रयास करते रहेंगे।’’

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