इस्लामाबाद, 26 जुलाई पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को झटका देते हुए उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।
यह मामला उन आरोपों से संबंधित है जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशखाना से अपने पास रखे गए उपहारों और उनकी कथित बिक्री से प्राप्त आय का विवरण ‘‘जानबूझकर छिपाया’’ था। तोशखाना में विदेशी अधिकारियों द्वारा सरकारी अधिकारियों को सौंपे गए उपहार रखे जाते हैं।
खान पर आरोप है कि उन्होंने 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग कर सरकार के नियंत्रण वाले उन उपहारों को खरीदा और बेचा जो उन्हें विदेश यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए थे और जिनकी कीमत 6,35,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक थी।
जियो न्यूज समाचार चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा मामले में राहत देने से इनकार किए जाने के बाद 70 वर्षीय खान ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पिछले साल 21 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री को तोशखाना मामले में ‘‘झूठे बयान और गलत घोषणा’’ करने के लिए संसद के प्रति अयोग्य घोषित कर दिया था।
मई में, एक निचली अदालत ने मामले की पोषणीयता को चुनौती देने वाली खान की याचिका खारिज कर दी और पीटीआई प्रमुख को दोषी करार दिया था, जिन्होंने उपहारों के संबंध में गलत घोषणा करने से जुड़े सभी आरोपों से इनकार किया था।
इसके बाद, खान ने निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी, जिसने मामले को दोबारा जांच के लिए निचली अदालत में वापस भेज दिया।
निचली अदालत ने आठ जुलाई को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) की याचिका विचार योग्य है और पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आगे की कार्यवाही की जाए। इसके बाद इमरान ने राहत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
बुधवार की सुनवाई के दौरान दो सदस्यीय पीठ के जज याह्या अफरीदी ने टिप्पणी की कि शीर्ष अदालत तोशखाना भ्रष्टाचार प्रकरण में निचली अदालत के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
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