जम्मू, 23 अप्रैल : जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के सांबा जिले में बलात्कार का मामला दर्ज करने में कथित देरी को लेकर तीन पुलिसकर्मियों के निलंबन समेत एक पुलिस उपाधीक्षक को पद से हटा दिया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह के आदेश पर नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोपी लोगों को विभागीय जांच का भी सामना करना पड़ेगा. अधिकारियों ने बताया कि थाना प्रभारी (एसएचओ) अली इमरान, सहायक उप-निरीक्षक रतन लाल, हेड कांस्टेबल सतविंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया है और उपमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) विजयपुर, विशाल मन्हास को ''खराब पर्यवेक्षण और नियंत्रण'' के मद्देनजर पद से हटाकर जोनल पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है.
उन्होंने बताया कि शिकायत के अनुसार 16 और 17 अप्रैल की दरमियानी रात विजयपुर तहसील में आरोपी शम्मी ने घर में घुसकर बच्ची से दरींदगी की. अधिकारियों ने बताया कि लड़की की मां ने विजयपुर थाने से संपर्क किया लेकिन एसएचओ और अन्य अधिकारियों ने मामला दर्ज करने में देरी की. पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता को आरोपी के साथ समझौता करने के लिए मजबूर करते हुए शिकायत की प्रकृति को बदलने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पोक्सो की निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नाबालिग लड़की और मां के साथ व्यवहार नहीं किया गया. यह भी पढ़ें : शिवसेना कार्यकर्ताओं ने अवरोधक तोड़कर राणा दंपती के आवासीय परिसर में घुसने की कोशिश की
अधिकारी ने बताया कि जैसे ही डीजीपी को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की एक रिपोर्ट के माध्यम से मामले में अधिकारियों की भूमिका के बारे में पता चला, उन्होंने अपराध शाखा को इसकी जांच सौंपी. रिपोर्ट में अपराध की पुष्टि होने के बाद डीजीपी ने तुरंत थाना प्रभारी को इस संबंध में विलंबित मामला दर्ज करने का निर्देश दिया. डीजीपी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इनमें से कुछ अधिकारियों का आचरण अशोभनीय है और उनपर कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि कर्तव्यों को निर्धारित तरीके से पूरा नहीं किया गया था. डीजीपी ने सेनानायक रद्धमी वजीर की अध्यक्षता में उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए.