नयी दिल्ली, 13 दिसंबर : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा सरकार पर तीखा प्रहार किया और दावा किया कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह के नहीं होते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती. उन्होंने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए सरकार पर भय फैलाने का आरोप लगाया और कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद प्रधानमंत्री यह समझ नहीं पाए हैं कि संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं है. वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद सदन में उनका यह पहला भाषण था. उन्होंने दावा कि भारत लंबे समय तक ‘‘कायरों के हाथ में कभी नहीं रहा और यह देश उठेगा और लड़ेगा’’. उन्होंने कहा, ‘‘‘संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है. यह वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है.’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह सरकार ‘लेटरल एंट्री’ और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है. अगर लोकसभा चुनाव में ये नतीजे नहीं आए होते तो यह संविधान बदलने का काम करती.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आज सत्तापक्ष बार-बार संविधान इसलिए कह रहा है, क्योंकि इस चुनाव में हारते-हारते जीतने के बाद उन्हें पता चल गया कि देश की जनता ही संविधान को सुरक्षित रखेगी और संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी.’’ प्रियंका गांधी का कहना था कि आज जाति जनगणना का जिक्र सत्तापक्ष कर रहा है क्योंकि इस तरह के नतीजे आए. कांग्रेस सांसद का इशारा इस ओर था कि कुछ महीने पहले संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रह गई और कांग्रेस की सीटों की संख्या 100 के करीब पहुंच गई. यह भी पढ़ें : एक पार्टी ने संविधान के निर्माण को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश की: राजनाथ सिंह
प्रियंका गांधी का कहना था, ‘‘आज जनता की मांग है कि जातिगत जनगणना हो. जातिगत जनगणना इसलिए भी जरूरी है, ताकि पता चले कि देश में किसकी क्या स्थिति है और नीतियां उस हिसाब से बनें.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा चुनाव के समय दिए कुछ भाषणों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी की जातिगत जनगणना के लिए गंभीरता का प्रमाण देखिए. जब चुनाव में पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की बात कर रहा था, तब नरेन्द्र मोदी कह रहे थे- ये आपकी भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आर्थिक न्याय का कवच तोड़ रही है. कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि आज किसान भगवान भरोसे है.
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पहले एक कहानी होती थी. राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था...आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है... लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की.’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी संविधान को माथे पर लगाते हैं, लेकिन संभल, हाथरस और मणिपुर में जब न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन नहीं आती. शायद वह समझ नहीं पाए हैं कि भारत का संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं है.’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है...हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और अकांक्षा की वह ज्योति है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद और आशा की ज्योति हमने देश के कोने-कोने में देखी है.’’
कांग्रेस महासचिव ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘उन्नाव में मैं एक दुष्कर्म पीड़िता के घर गई...उस बच्ची के पिता ने कहा कि मुझे न्याय चाहिए . मेरी बेटी रोज सुबह उठकर अकेले अपना मुकदमा लड़ने दूसरे जिले में ट्रेन से जाती थी...उस बच्ची और देश की करोड़ों महिलाओं को ऐसी हिम्मत हमारे संविधान ने दी.’’ उन्होंने आगरा की घटना का जिक्र किया, ‘‘मैं आगरा में अरुण वाल्मीकि के घर गई...अरुण को पीट-पीटकर मार डाला गया. जब मैं उनकी पत्नी से मिलने गई तो उन्होंने कहा- दीदी मुझे न्याय चाहिए और हम इस न्याय के लिए लड़ते रहेंगे. ये हिम्मत उस महिला को हमारे संविधान ने दी है.’’ प्रियंका गांधी ने संभल की हिंसा के पीड़ित परिवारों से अपनी मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘पुलिस ने एक दर्जी को गोली मार दी. उनका सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बनेगा. उनका बेटा अदनान मुझसे कहता है कि मैं डॉक्टर बनकर दिखाऊंगा, मैं अपने पिता का सपना साकार करूंगा. ये सपना और ये आशा उसके दिल में हमारे संविधान की वजह से है.’’
उन्होंने भाजपा पर धनबल और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष की सरकारें गिराने का आरोप लगाया. प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘भाजपा के पास वॉशिंग मशीन है जिसमें लोग जाते हैं और धुल जाते हैं. मुझे कुछ लोग (सत्तापक्ष की तरफ) दिख रहे हैं जो पहले इधर थे. अब शायद वो धुल गए हैं.’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘सत्तापक्ष के मेरे साथी ज्यादातर अतीत की बातें करते हैं. कहते हैं- उस समय ऐसा हुआ, नेहरू जी ने क्या किया. आप वर्तमान की बात करिए. देश को बताइए कि आप क्या कर रहे हैं, आपकी जिम्मेदारी क्या है, या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?’’
प्रियंका गांधी ने कहा कि पंडित नेहरू का नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है, लेकिन आजादी और देश के निर्माण में उनकी भूमिका को कभी नहीं मिटाया जा सकता. कांग्रेस महासचिव ने उद्योगपति गौतम अदाणी का जिक्र करते हुए कहा कि एक उद्योगपति के लिए पूरे देश को नकारा जा रहा है.