नयी दिल्ली, 16 दिसंबर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में ‘धर्म संसद’ के आयोजन पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका का उच्चतम न्यायालय के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए सोमवार को उल्लेख किया गया और ‘‘मुसलमानों के नरसंहार’’ का आह्वान किए जाने का आरोप लगाया गया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण से कहा कि वह याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए एक ई-मेल भेजें।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं इस पर विचार करूंगा। कृपया ई-मेल भेजें।’’
मामले को तत्काल सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध करते हुए भूषण ने कहा कि मुसलमानों के नरसंहार का सार्वजनिक तौर पर आह्वान किया गया है और इस याचिका पर सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि 'धर्म संसद' मंगलवार से शुरू होगी।
‘धर्म संसद’ का आयोजन गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति मंदिर परिसर में मंगलवार से शनिवार तक प्रस्तावित है।
उत्तराखंड के हरिद्वार में इससे पहले आयोजित ‘धर्म संसद’ में कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण दिए जाने के कारण विवाद खड़ा हो गया था। इस मामले में यति नरसिंहानंद और अन्य सहित कई लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया गया।
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