नयी दिल्ली, 16 दिसंबर भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा उद्योग में वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही तक वृद्धि की गति बढ़ने तक नियुक्तियां कम ही रहने की संभावना है।
साख निर्धारण करने वाली एजेंसी इक्रा लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में नई सरकार के गठन से तत्काल कुछ नीतिगत अनिश्चितता पैदा हो सकती है।
अनिश्चित व्यापक आर्थिक माहौल के बीच अमेरिका तथा यूरोप के प्रमुख बाजारों में ग्राहकों के कम विवेकाधीन प्रौद्योगिकी खर्च से पिछली छह से आठ तिमाहियों में भारतीय आईटी सेवा कंपनियों की मांग में कमी आई है। कर्मचारियों द्वारा कम संख्या में नौकरी छोड़ने और कर्मचारियों के अधिकतम इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित करने जैसे कारक भी भर्ती में मंदी की मुख्य वजह रहे हैं।
एजेंसी ने कहा, ‘‘ हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही तक वृद्धि की गति बढ़ने तक निकट भविष्य में नियुक्तियां कम ही रहेंगी।’’
इसमें यह भी कहा गया, जनरेटिव एआई के तेजी से बढ़ने के कारण सभी प्रमुख आईटी सेवा कंपनियां अपने कर्मचारियों को कौशल प्रदान कर रही हैं। वे एआई-संचालित व्यावसायिक अवसरों का पता लगा रही हैं। इससे कोविड-19 वैश्विक महामारी के पहले के स्तर की तुलना में नई नियुक्तियों में समग्र रूप से कमी आने की आशंका है।
इक्रा ने कहा कि जनरेटिव एआई को अधिक अपनाने से कर्मचारी उत्पादकता में सुधार का असर अगले कुछ वर्षों में दिखाई देने की उम्मीद है।
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